नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी को यूं तो विपक्षी दलों द्वारा काफी आलोचना मिल रही है। लेकिन इस संदर्भ में ब्लूमबर्ग द्वारा डाली गई एक आरटीआई के तहत रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पीएम मोदी को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस आरटीआई के जवाब में रिजर्व बैंक ने बताया है कि केंद्र सरकार को नोटबंदी की मंजूरी पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश से ढाई घंटे पहले ही दी गई थी। लेकिन इस के बिलकुल उल्ट 7 दिसंबर आरबीआई के नए गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला बिना सोचे और जल्दबाजी में नहीं लिया है।
यह बयान उर्जित पटेल ने इंटरेस्ट रेट की स्थिति को पहले जैसा बनाए रखने पर बोलते हुए कहा था। उनका कहना था कि इस फैसले को बहुत ही सीक्रेट फैसला बताया था। इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि नोटबंदी का श्रेय रिजर्व बैंक के आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी दस सदस्यीय कमेटी को जाता है। लेकिन इस मुद्दे पर विशेषज्ञों का मानना कुछ और ही है। उनका कहना है कि यह कहना सही नहीं होगा कि नोटबंदी का फैसला राजनीतिक तौर पर नहीं लिया गया और अगर नोटबंदी का फैसला ढाई घंटे में लिया गया है तो पीएम मोदी ऐसे गैर-जिम्मेदाराना फैसले कैसे ले सकते हैं।