नई दिल्ली: अपनी एक सहयोगी द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाये जाने के बाद गिरफ़्तार हुए पर्यावरणविद्
आर के पचौरी को अदालत ने ज़मानत दे दी है और उन्हें एक महीने से अधिक के लिए मैक्सिको और अमेरिका की यात्रा की अनुमति भी दे दी गयी है ।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शिवानी चौहान ने अपने नोट में इस बात को कहा कि पचौरी कई मौकों पर पहले विदेश जाने की अनुमति प्रदान की गई थी और उन्होंने न्यायालय के निर्देश का पालन किया है
अदालत ने 2 लाख रूपये की ज़मानत राशि जमा करने के साथ ही आरोपी को 12 जुलाई से 14 अगस्त तक यात्रा करने की अनुमति दी है और साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि इस पूरे मामले की जाँच पड़ताल के दौरान पचौरी को गिरफ़्तार नहीं किया गया जिसेसे पता चलता है कि इस मामले की जाँच के लिए पचौरी को हिरासत में रखा जाना ज़रूरी नहीं है |
पचौरी को इससे पहले इस मामले में अग्रिम जमानत दे दी गई थी, 14 मई को अपने खिलाफ जारी सम्मन के अनुसरण में वह सोमवार को अदालत के समक्ष पेश हुए थे ।
पचौरी पर एक महिला सहयोगी द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद पिछले साल फ़रवरी 2015 में वह जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के अंतर सरकारी पैनल के अध्यक्ष पद से हटा दिए गये थे और उन्होंने द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट(टेरी) के डायरेक्टर जनरल के पद से अवकाश ले लिया था |
दिल्ली पुलिस ने द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टिट्यूट(टेरी) डायरेक्टर जनरल के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत 354A, 354B , 354D, 509 ,341 मामला दर्ज किया था |
अदालत ने अगली सुनवाई के लिए अक्टूबर 6 तय की। चार्जशीट की कॉपी पचौरी को भी दे दी गयी है |