रिज़र्व बैंक ने आज कलीदी सूद को शरहों में कोई तबदीली नहीं की क्योंकि उसे ख़ौफ़ था कि मोनसून में कमी इफ़रात-ए-ज़र में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा करदेगी ।
आर बी आई ने अपने सहि माही मालीयाती पोलिसी जायज़ा में मौजूदा माली साल केलिए मआशी तरक़्क़ी के तख़मीना में कमी करदी है और उसे 6.5 फ़ीसद मुक़र्रर किया है जो क़ब्लअज़ीं 7.3 फ़ीसद मुक़र्रर किया गया था ।
ये कहा गया है कि हुकूमत के उख़र जात में इज़ाफ़ा ,मआशी असहतकाम केलिए ख़तरे पैदा कररहा है। मार्च 2013 को ख़तम होने वाले माली साल केलिए इफ़रात-ए-ज़र की पेश क़ियासी में भी इज़ाफ़ा कर के उसे 7 फ़ीसद करदिया गया है जिसे क़ब्लअज़ीं 6.5 फ़ीसद तसव्वुर किया गया था ।
गवर्नर आर बी आई डी सुबह राव ने कहा कि मौजूदा मआशी हालात में ,पोलिसी शरहों में कमी ग़ैर ज़रूरी तौर पर तरक़्क़ी को तहरीक दीए बगै़र इफ़रात-ए-ज़र की शरह में इज़ाफ़ा करदेगी