आलमी (वैश्विक) अदालत का माली के इस्लाम पसंद बागियों को इंतिबाह (चेतावनी)

आलमी (वैश्विक) फ़ौजदारी अदालत के इस्तिग़ासा (Prosecutors) ने शुमाली (उत्तरी ) माली के इलाक़े तंबू कट्टू में इस्लाम पसंद बाग़ीयों को ख़बरदार किया है कि वो क़दीम तरीन(पूराने/प्राचीन) इस्लामी इबादतगाहों को तबाह करने का अमल रोक दें और कहा है कि ये जंगी जुर्म के मुतरादिफ़ (बराबर) इक़दाम है।

फ़ातोबीनसोदा का एक ब्यान में कहना था कि इस किस्म के मुजरिमाना वाक़ियात में मुलव्विस अफ़राद के लिए वाज़िह (स्पष्ट) पैग़ाम है कि मज़हबी इमारात को तबाह करने का अमल अब रोक दिया जाय। इन का कहना था कि ये एक जंगी जुर्म है जिस की मुकम्मल तहक़ीक़ात करने का मेरे दफ़्तर को इख़तियार हासिल है।

माली में इस्लाम पसंद बाग़ी दो सलफ़ी अक़ाइद (आस्था) के हामिल मालूम होते हैं। खासतौर पर दरगाहों और मज़ारों को हमलों का निशाना बना रहे हैं जो उन के ख़्याल में शिर्क है।