समाजवादी रुकने असेंबली महाराष्ट्रा अब्बू आसिम आज़मी ने आलेर पुलिस फ़र्ज़ी एनकाउंटर के शुहदाके घरों को पहूंच कर उन्के ख़ानदान से मुलाक़ात करके ज़रूरतमंद ख़ानदानों को माली इमदाद हवाले की और 4 नौजवानों के अफ़रादे ख़ानदान से इज़हार ताज़ियत में पुलिस की फायरिंग का शिकार होने वाले नौजवानों को शहीद क़रार दिया।
वो मुंबई से हैदराबाद पहूंचे और सीधे वादी मुस्तफ़ा जलपल्ली में वाक़्ये मुहम्मद ज़ाकिर के मकान रवाना हुए जहां शहीद ज़ाकिर के वालिद मुहम्मद वज़ीर से मुलाक़ात करके पुर्सा दिया।
अब्बू आसिम आज़मी से मुलाक़ात के दौरान शहीद ज़ाकिर के वालिद ने कहा कि इन का बेटा बेक़सूर था लेकिन उसे इंसाफ़ ना मिल सका । उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को ज़ालिमाना क़रार देते हुए हुसूले इंसाफ़ के लिए जद्द-ओ-जहद के अज़म का इज़हार किया जिस पर अब्बू आसिम आज़मी ने उन्हें हर मुम्किना मदद-ओ-तआवुन का यकीन दिया।
उन्हों ने मरहूम के वालिद को एक लाख रुपये की नक़द माली इमदाद हवाले करते हुए कहा कि वो इस मुआमले में इंसाफ़ के लिए जद्द-ओ-जहद का रास्ता इख़तियार करेंगे।
ज़ाकिर के घर से वो मुईनबाग़ रियासतनगर रवाना हुए और वहां सय्यद अमजद के वालिद सय्यद अशर्फ़ अली और भाई सय्यद इमतियाज़ से मुलाक़ात करके इज़हार ताज़ियत किया और कहा कि वो शहीद का पुर्सा देने नहीं आए हैं बल्कि मज़लूमों के लिए इंसाफ़ की जद्द-ओ-जहद करने निकले हैं।
अब्बू आज़मी ने इस ख़ानदान को माली इमदाद की पेशकश की जिस पर सय्यद अमजद के भाई और वालिद ने कहा कि उन्हें दौलत नहीं इंसाफ़ चाहीए और इंसाफ़ के लिए वो जद्द-ओ-जहद करेंगे। सय्यद इमतियाज़ ने बताया कि मरहूमीन के चेहरे लाल होचुके थे जिस से एसा लग रहा था कि उनके चेहरों पर भी मारा गया है। जिस वक़्त सय्यद इमतियाज़ मंज़र की अक्कासी कर रहे थे उस वक़्त अब्बू आसिम आज़मी और उनके हमराह मुंबई से हैदराबाद आए अफ़राद की आँखें नम होचुकी थीं।
समाजवादी रुकने असेंबली ने कहा कि वो हर महाज़ पर मज़लूमीन के साथ जद्द-ओ-जहद करने तैयार हैं।
अब्बू आसिम आज़मी ने कहा कि वो ज़ुलम के ख़िलाफ़ मुल्क के हर कोने में आवाज़ उठाएंगे। मुईनबाग़ से अब्बू आसिम आज़मी विक़ार अहमद के मकान क़दीम मलकपेट पहूंचे जहां विक़ार के वालिद मुहम्मद अहमद ने इज़हार-ए-हमदर्दी के लिए आमद पर अब्बू आसिम आज़मी का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वो क़ानूनी जद्द-ओ-जहद जारी रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि मुक़द्दमा में माख़ूज़ नौजवान बारहा शिकायत करते रहे कि उन्हें अदालत को लाने और ले जाने के दौरान अज़ीयतें दी जाती हैं।मुहम्मद अहमद ने कहा कि वो हाइकोर्ट से भी शिकायत करचुके हैं और ख़ुद विक़ार अहमद ने अपनी मौत से पहले अदालत में तहरीरी शिकायत की के उनकी ज़िंदगी को ख़तरा लाहक़ है और पुलिस की तरफ से उन्हें फ़र्ज़ी एनकाउंटर में हलाक किया जा सकता है।
शिकायात के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई लेकिन अब भी उन्हें अदलिया पर पूरा भरोसा है और वो क़ानूनी जद्द-ओ-जहद जारी रख कर रखेंगे अहमद ने बताया कि वो एहतेजाज या धरने वग़ैरा में हिस्सा नहीं लेंगे लेकिन जो कोई उनके फ़र्ज़ंद और बेक़सूर नौजवानों को इंसाफ़ के लिए जद्द-ओ-जहद कररहे हैं वो उनके मशकूर हैं।
अब्बू आसिम आज़मी ने कहा कि वो किसी भी तरह के तआवुन के लिए उन से राबिता करसकते हैं चूँकि ये मुआमला सिर्फ़ उनके फ़र्ज़ंद का नहीं बल्कि मिल्लत-ए-इस्लामीया के हौसले का मुआमला है। अब्बू आसिम आज़मी और अमजद उल्लाह ख़ान ख़ालिद मुशिराबाद पहूंचे जहां डॉ हनीफ़ की अहलिया और मासूम बच्चों से मुलाक़ात के बाद अब्बू आसिम आज़मी ने उन्हें दो लाख रुपये बतौर इमदाद हवाले किए।
अब्बू आसिम आज़मी ने शहीद डॉ हनीफ़ की अहलिया को मश्वरह दिया कि वो बच्चों की तालीम जारी रखें और किसी भी तरह की मदद दरकार हो तो राबिता करें। उन्होंने बताया कि मासूम बच्चों को बाप की सरपरस्ती से महरूम होना पड़ा है। डॉ हनीफ़ की अहलिया अब्बू आसिम आज़मी की तरफ से दो लाख रुपये इमदाद पर इज़हार-ए-तशक्कुर करते हुए रो पड़ें।
अब्बू आसिम आज़मी ने डॉ हनीफ़ की अहलिया को सब्र की तलक़ीन करते हुए कहा कि इंसाफ़ के लिए जद्द-ओ-जहद का सिलसिला जारी रखे और अल्लाह की ज़ात से नाउम्मीद ना हो बल्कि अपने तौर पर कोशिश करते रहें। आज़मी ने बताया कि वो जल्द इज़हार ख़ान के अफ़रादे ख़ानदान से मुलाक़ात के लिए लखनऊ रवाना होंगे।