के चन्द्रशेखर राव की हुकूमत को मुसलमानों की हमदरद समझा जा रहा था अलाहिदा तेलंगाना में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के बाद रियासत के मुसलमानों को उम्मीद थी कि नई रियासत में उनके साथ इंसाफ़ किया जाएगा।
उनके मुफ़ादात उनकी जान-ओ-माल की हिफ़ाज़त की जाएगी। तहरीक तेलंगाना के मौके पर के सी आर ने बार बार मुसलमानों को तालीम और रोज़गार (मुलाज़मतों ) में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी का वाअदा किया। लेकिन उनके अक्सर-ओ-बेशतर वाअदे वफ़ा ना होसके बल्कि रियासत में एक मंसूबा बंद साज़िश के तहत मुस्लिम नौजवानों को उनकी ज़िंदगीयों से महरूम करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है।
आलेर एनकाउंटर उसकी बदतरीन मिसाल है। मुस्लिम तंज़ीमों और हक़ूके इंसानी के जाँबाज़ जहद कारों के साथ साथ मज़हब-ओ-मिल्लत इंसाफ़ पसंद अवाम ने वर्ंगल की जेल से हैदराबाद की एक अदालत लाए जाने के दौरान आलेर में विक़ार अहमद मुहम्मद ज़ाकिर हनीफ़ एजाज़ ख़ान और अमजद एनकाउंटर को फ़र्ज़ी एनकाउंटर और सफ़ाकाना क़त्लों से ताबीर किया। हुक़ूक़ इंसान के जहद कारों से लेकर शहीद नौजवानों के वालिदैन और मुस्लिम जमातों ने ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम की बजाये उस बहीमाना वाक़िये की सी बी आई तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया लेकिन मुसलमानों की हमदर्दी का दम भरने वाले के चंद्रशेखर राव ने सी बी आई तहक़ीक़ात का मुतालिबा मुस्तर्द कर दिया। शायद उन्हें इस बात की ग़लतफ़हमी होगई हैके रियासत ख़ासकर हैदराबाद के मुस्लमान एसे वाक़ियात को जल्द फ़रामोश कर देते हैं एसा हरगिज़ नहीं है।
आज से ज़ाइद 7 बरस पहले आदिलाबाद के भैंसा से क़रीब एक छोटे गांव विटोली में एक ही ख़ानदान के 6 अफ़राद 3 कमसिन बच्चों को ज़िंदा जला दिया गया। उस वक़्त कांग्रेस की डाक्टर वाई एस राज शेखर रेड्डी हुकूमत अपने उरूज पर थी।
वाई एस आर के साथ कोई ज़बान नहीं खोल सकता था लेकिन विटोली के वाक़िये के बाद आदिलाबाद में कांग्रेस को बरहामी का सामना करना पड़ा। वाई एस राज शेखर रेड्डी ने विटोली में एक ही ख़ानदान के 6 अफ़राद के क़त्ल की सी बी आई तहक़ीक़ात का हुक्म दिया था इस ज़िमन में जी ओ नंबर 211 16-10-2008 भी जारी कर दिया था।लेकिन सी बी आई शायद आज तक इस वाक़िये की तहक़ीक़ात के लिए हरकत में नहीं आई। अफ़सोस तो इस बात हैके मुसलमानों की हमदर्दी असेम्बली और पार्लियामेंट में उनकी नुमाइंदगी का दम भरने वालों की ज़बानें भी बंद होगईं।