नई दिल्ली: सरकार नहीं चाहती कि जनता की खाद्य आदतों को बदला जाए या फिर इस क्षेत्र में व्यापार को किसी मुश्किल स्थिति का शिकार हो| मंत्री हर्षवर्धन ने यह बात बताई। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की हैं, जबकि उनके मंत्रालय की ओर से देश भर में खुले मारकों में यज्ञ के लिए पशुओं की बिक्री पर रोक लगाया गया है जिसका विरोध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इस नियम तैयार किया हैं। इसके बाद हमने घोषणा एक महीने के अंतराल के लिए सार्वजनिक क्षेत्रों में रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ सुझाव इस संबंध से प्राप्त हुए हैं और सरकार उन्हें नियमों में शामिल कर रही है।
इस घोषणा के पीछे हमारा उद्देश्य किसी आहार आदतों को बदलना नहीं है और न ही सरकार चाहती है कि व्यापार करने वालों को कोई कठिनाई आए। हर्षवर्धन कई कलमदान रखते हैं जिनमें पर्यावरण मंत्रालय भी शामिल है। गोमांस खाने और पशुओं का व्यापार के मुद्दे पर जो विवाद पैदा हुआ है उस पर कई राज्यों सहित तमिलनाडु ‘केरल और कर्नाटक में विरोध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इस सिलसिले में विभिन्न सुझाव मिल रहे हैं। सरकार के घोषणा पर किसी को आरक्षण हैं वह उनके मंत्रालय को सुझाव कर सकते हैं।