लंदन 25 अप्रैल : हिन्दुस्तान को पहली मर्तबा आलमी चम्पियन का एज़ाज़ दिलवाने वाले साबिक़ कप्तान कपिल देव ने सचिन तेंदुलकर की 40 वीं सालगिरह के मौके पर इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए कहा कि 1990 में जब सचिन तेंदुलकर इंगलैंड के पहले दौरे पर क़ौमी टीम का हिस्सा था
इस मौके पर ना सिर्फ़ उनकी उम्र 17 साल की थी बल्कि उनके साथ स्कूल बैग भी था। तेंदुलकर पहले दौरे पर काफ़ी ख़ामूश और स्कूली किताबों का मुताला करने वाले दसवीं जमात के तालिब-ए-इल्म भी थे। दौरे के दौरान सचिन एक आम बच्चा था जोकि मौज़ूआत(बहस) में दख़ल अंदाज़ी से परहेज करते हुए सिर्फ़ ख़ामूश रहते थे।
कपिल ने मज़ीद कहा कि सचिन को उन्होंने पहली मर्तबा मुंबई के बरा बोर्न स्टेडियम में देखा था और उस मौके पर उनसे कहा गया था कि वो इस 14 साला बच्चे को बौलिंग करें जोकि स्कूली सतह पर ग़ैर मामूली मुज़ाहिरे कर चुके है।
बी बी सी रेडियो 5 लाईव से इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए कपिल ने कहा कि सचिन के ख़िलाफ़ पहली मर्तबा नैट में बौलिंग करते हुए वो किस क़दर नर्वस थे जब उन्होंने दो तीन तेज़ गेंदें कीं तो सचिन उन गेंदों पर पुरा एतमाद स्ट्रोक खेले। जिससे महसूस होने लगा कि ये बासलाहियत लड़का क्रिकेट में नाम कमाएगा। लेकिन आज सचिन सब से बेहतरीन बैटस्मेन हैं।