हुकूमत ने अगरचे इंजीनीयरिंग कॉजस के मुआइने के अमल की रफ़्तार धीमी करदी है लेकिन इस ने बाअज़ जिलों में इस काम के लिए ज़ाइद टास्क फ़ोर्स टीमें मुख़तस की हैं। कमिशनर टेक्नीकल एजूकेशन की सिफ़ारिश पर अमल करते हुए वज़ारत आला तालीम की रियास्ती सतह की टास्क फ़ोर्स ने ज़िले की सतह पर चार ज़ाइद टीमें ज़िला रंगा रेड्डी में और हैदराबाद, नलगुनडा, गुंटूर और कृष्णा में एक ज़ाइद टीम मुख़तस(निर्धारित ) की है।
ज़िले की सतह पर इंजीनीयरिंग कॉलेजस के मुआइने की निगरानी ज़िला कलैक्टर या जवाइंट कलैक्टर करेंगे। इस दौरान मुख़्तलिफ़ ज़िले में कम-ओ-बेश 28 कॉलेजस के मुआइना मुकम्मल(पुरा) होगए हैं और तक़रीबन इन तमाम कॉलेजस ने फ़न्नी तालीम से मुताल्लिक़ कल हिंद कौंसल के मुक़र्ररा क़वाइद की ख़िलाफ़वरज़ी की है।
इन में 2006 की शरह तनख़्वाहों के मुताबिक़ तदरीसी स्टाफ़ को तनख़्वाहें अदा करने की शर्त की ख़िलाफ़वरज़ी शामिल है। कॉलेजस के इंतिज़ामीया का कहना है कि काबुल लैक्चरार अदम दस्तयाब(गैर उपलब्ध) हैं और वो बीटेक ग्रैजूएशन की ख़िदमात से काम चला रहे हैं। इस लिए कम तनख़्वाहें दी जा रही हैं। कमिशनर फ़न्नी तालीम(आयुक्त कला शिक्षा) अजय जैन ने कहा कि मुआइने किसी रुकावट के बगै़र जारी रहेंगे।