मुख़्तलिफ़ कॉलिजस में सैंकड़ों नशिस्तें मख़ुलआ , मज़ीद नई नशिस्तें मंज़ूर
हैदराबाद । 26 । अक्टूबर : ( सियासत न्यूज़ ) : एक तरफ़ जहां एमटेक और दीगर पी जी कोर्सेस के लिए नवंबर के पहले हफ़्ते में नोटीफ़ीकेशन की तैय्यारीयां की जा रही हैं वहीं आंधरा प्रदेश स्टेट कौंसल फ़ार हायर एजूकेशन के ओहदेदारान तमाम एमटेक की नशिस्तों को पर करने की तैयारीयों में लगे हुए हैं । ऑल इंडिया कौंसल फ़ार टकनीकल एजूकेशन ने 145 नए इंजीनीयरिंग कॉलिजस को एमटेक की तालीम जारीया तालीमी साल से जारी रखने की इजाज़त दे दी है । हालाँकि गुज़श्ता साल इस शोबे में बहुत सी नशिस्तें मख़ुलआ रह गई थीं । इंजीनीयरिंग कॉलिजस के ओहदेदारान का ख़्याल है कि ई ए , एमसी ई टी और आई सी ई टी में जहां बड़ी तादाद में नशिस्तें ख़ाली रह गई थीं , ठीक वही सूरत-ए-हाल एमटेक सैटस के मुआमले में देखने को मिल सकती है । 364 कॉलिजस बिशमोल 14 यूनीवर्सिटीज़ कॉलिजस मैं फ़िलवक़्त एमटेक कोर्सेस की सहूलयात दस्तयाब हैं गुज़श्ता साल बहुत से कॉलिजस को 100 फ़ीसद नशिस्तें पर करने का सामना करना पड़ा । गुज़श्ता साल 24000 नशिस्तें दस्तयाब थीं और नए मंज़ूर शूदा सैटस की तादाद 32 हज़ार थी । इंजीनीयरिंग ग्रैजूएटस की एमटेक में दाख़िला लेने में अदम दिलचस्पी देखी जा रही है । इस की वजह ये है कि ज़्यादा तर कंपनीयां इंजीनीयरिंग ग्रैजूएटस पर एमटेक तलबा-ए-को फ़ौक़ियत नहीं दे रही हैं । ऐस नरेंद्र , बीटेक ग्रैजूएट ने बताया कि पी जी कोर्सेस की कोई एहमीयत ही नहीं रह गई है तो तलबा-ए-अपना दो साल यूं ही क्यों ज़ाए करें । जब कि इस का कोई फ़ायदा ही नहीं होने वाला है । हालाँकि एक दूसरी हक़ीक़त ये भी है कि बहुत सी सॉफ्टवेर कंपनीयां कमउमर ग्रैजूएटस को तरजीही तौर पर अपने यहां मुलाज़मतों पर रखने को बेहतर समझती हैं । कुछ एमटेक ग्रैजूएटस को 12000 माहाना तनख़्वाह पर रखा जाता है जब कि ए आई सी टी ई के क़वानीन के मुताबिक़ इन ग्रैजूएटस की तनख़्वाहें माहाना 20000 रुपय होनी चाहिऐं । यही वजह है कि इंजीनीयरिंग ग्रैजूएटस सॉफ्टवेर कंपनीयों में मुलाज़मत करना पसंद करते हैं । ये ग्रैजूएटस बीटेक , बी ई की तकमील के बाद सॉफ्टवेर कंपनीयों में मुलाज़मत करते हैं और बादअज़ां तदरीसी शोबों से वाबस्ता होजाते हैं ।