इंतिख़ाबात में कांग्रेस और टी आर एस के दरमियान समझौता ना होना मंहगा साबित होगा

हैदराबाद 3 मई, ( सियासत न्यूज़) तेलंगाना राष़्ट्रा समीती के सरबराह के चन्द्र शेखर राव और उन के अफ़राद ख़ानदान के असासाजात और मुख़्तलिफ़ कारोबार में उन की सरमायाकारी से मुताल्लिक़ सी बी आई तहक़ीक़ात की ख़बरों ने टी आर एस हल्कों में हलचल पैदा कर दी है।

आम इंतिख़ाबात से ऐन क़ब्ल बरसरे इक्तेदार जमात की जानिब से सहाफ़ती हल्कों को दी गई इस बारे में इत्तिलाआत ने टी आर एस क़ाइदीन को परेशानी में मुबतला कर दिया है।

बताया जाता है कि चन्द्र शेखर राव और उन के क़रीबी रफ़क़ा ने बरसरे इक्तेदार जमात से ताल्लुक़ रखने वाले मुख़्तलिफ़ क़ाइदीन से रब्त पैदा करते हुए इन इत्तिलाआत की हक़ीक़त के बारे में दरयाफ्त किया। उन का कहना है कि पार्टी की आला क़ियादत इस बारे में जैसी भी सूरते हाल आएगी मौक़ा की नज़ाकत के लिहाज़ से निमटेगी।

टी आर एस के बाअज़ क़ाइदीन का एहसास है कि तेलंगाना तहरीक को कमज़ोर करने के लिए कांग्रेस और तेलुगु देशम मुशतर्का तौर पर कोई साज़िश कर रहे हैं और सी बी आई के ज़रीए तहक़ीक़ात उसी का एक हिस्सा है।

तेलंगाना मसअला पर टी आर एस और बी जे पी की अलैहदा तहरीकात ने भी टी आर एस को तन्हा कर दिया है। तेलंगाना पोलिटिकल जे ए सी में भी एक मज़बूत ग्रुप टी आर एस के दबदबा को क़ुबूल करने तैयार नहीं।

इन हालात में देखना होगा कि टी आर एस की क़ियादत किस तरह सूरते हाल से निमटने की हिक्मते अमली तैयार करेगी।