अहमदाबाद, ०४ अक्टूबर (पी टी आई) मुअत्तल आई पी एस ओहदेदार संजीव भट्ट ने आज गुजरात में बरसर-ए-इक़तिदार ( शासित) बी जे पी से मुतालिबा किया कि वो इंतिक़ामी जज़बा ( बदला लेने की भावना) तर्क ( रद्द) कर दे और उन के ख़िलाफ़ जारी करदा मुअत्तली के नियम पुख़्ता अहकाम मंसूख़ करके उन्हें बहाल कर दे।
यक्म (०१) अक्टूबर को मर्कज़ी वज़ारत-ए-दाख़िला ( केंद्रीय गृह मंत्रालय) की सिफ़ारिश पर हुकूमत गुजरात ने संजीव भट्ट की मुअत्तली उन के ख़िलाफ़ दायर 3 मुक़द्दमों में से एक में मंसूख़ कर दी है। उन्हें 8 अगस्त 2011 को मुअत्तल किया गया था जबकि उन्हें बहैसीयत प्रिंसिपल स्टेट रिज़र्व पुलिस ट्रेनिंग सेटर जुनूबी ( दक्षिण) चौकी ज़िला जूनागढ़ में ताय्युनात ( नियुक़्त) किया गया था।
चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी के नाम अपने एक मकतूब ( खत) में संजीव भट्ट ने इल्ज़ाम आइद ( आरोप लगाया) किया कि मुफ़ादात हासिला के तहत रियास्ती महकमा दाख़िला (राज्य गृह विभाग) ने उन पर एक और मुअत्तली का हुक्म मुसल्लत (चारो तरफ से मजबूर करना) कर दिया है, जो मर्कज़ी जायज़ा कमेटी की 6 अगस्त 2012 की इन की मुअत्तली मंसूख़ कर देने की सिफारिशों और उन के यक्म अक्टूबर 2012 को मुअत्तली की तंसीख़ का हुक्म वसूल करने की दरमयानी मुद्दत में उन पर मुसल्लत किया गया है।
अपने मकतूब में उन्होंने कहा कि महकमा दाख़िला ने उजलत में जारी करदा एक और नियम पुख़्ता और मुकम्मल तौर पर बेबुनियाद मुअत्तली का हुक्मनामा उसी दिन जारी कर दिया जिस दिन कि मर्कज़ी जायज़ा कमेटी ने फ़ैसला दिया था और इसकी हुकूमत गुजरात को इत्तिला ( सूचना) दी थी।