इजलास में तौसीअ से अपोज़िशन का इख़तेलाफ़: कमल नाथ

इंसिदाद जालसाज़ी ज़ेर-ए-इल्तेवा क़वानीन की मंज़ूरी के लिए पार्लियामेंट के इजलास की तौसी से इख़तेलाफ़ करने का अपोज़िशन पर इल्ज़ाम आइद करते हुए मर्कज़ी वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमोर कमल नाथ ने आज कहा कि हुकूमत के सामने कोई मुतबादिल मौजूद नहीं है और वो नाराज़गी के साथ ऐवान का इजलास ग़ैर मुअय्यना मुद्दत तक मुल्तवी करने पर मजबूर है।

उन्होंने कहा कि वो सियासी पार्टीयों के साथ तबादला-ए-ख़्याल करचुके हैं कि ऐवान के इजलास में आइन्दा चंद दिन के लिए तौसीअ दे दी जाये। लेकिन सियासी पार्टीयों ने इस से इत्तेफ़ाक़ नहीं किया। हालाँकि हुकूमत का मक़सद इंसिदाद करप्शन बिल की मंज़ूरी था। सरमाई तो सेवी इजलास का आग़ाज़ 5 फरवरी से हुआ था जो आज ग़ैर मुअय्यना मुद्दत के लिए मुल्तवी कर दिया गया।

कमल नाथ ने कहा कि सियासी पार्टीयों को तरग़ीब देने की तमाम कोशिशें नाकाम होगईं। उन्होंने कहा कि आज सुबह मुख़्तलिफ़ पार्टीयों ने क़तई तबादला-ए-ख़्याल के बाद तौसीअ से अदम इत्तेफ़ाक़ करने का फ़ैसला करलिया था। हालाँकि कई क़वानीन के मुसव्वदे 2011, 2012, 2013 और इस से भी ज़्यादा अर्से से ज़ेरे इल्तेवा हैं। ये तमाम मुसव्विदात गुज़श्ता दो या तीन माह में एस्टानेंट‌ कमेटी से हुकूमत को वापिस वसूल हुए हैं।