बिहार के वजीरे आला जीतन राम मांझी के उस बयान से आरजेडी को एतराज़ है जिसमें उन्होंने कहा कि अगर बिहार में आरजेडी और जदयू को एसेम्बली इंतिख़ाब में अकसरियत मिलती है तो नीतीश कुमार वजीरे आला बनेंगे।
आरजेडी ने इस बयान को इत्तिहाद के लिए खतरा बताया है। पार्टी की तरफ से बयान आया है कि अभी तक दोनों पार्टियों के दरमियान वजीरे आला ओहदे को लेकर कोई भी बातचीत नहीं हुई है तो जीतन राम मांझी ने इस तरह का बयान कैसे दे दिया।
क्या कहा बिहार के वजीरे आला जीतन राम ने
बिहार के वजीरे आला जीतन राम मांझी ने सहाफ़ियों से बातचीत में कहा कि आइंदा एसेम्बली इंतिख़ाब में अगर आरजेडी और जदयू इत्तिहाद की जीत होती है तो वजीरे आला नीतीश कुमार होंगे।
वजीरे आला जीतन राम मांझी नीतीश कुमार को अगले सीएम के तौर में प्रोजेक्ट कर तो दिया है,लेकिन क्या आरजेडी सदर लालू प्रसाद इस नाम से मंजूर होंगे। भले ही दोनों पार्टियों के दरमियान आपसी तनाजे को भूलाते हुए एक साथ होने का फैसला लिया है,लेकिन लालू और नीतीश के दरमियान हमेशा से मुखालिफत तेवर रहा है। दोनों एक दूसरे को कभी से पसंद नहीं किया है। हालांकि कहा जाता है कि लालू जब पहली बार बिहार के वजीरे आला बने थे तो उसमें नीतीश का बहुत बड़ा तावून रहा था। नीतीश को कभी लालू का दाहिना हाथ तक कहा जाता था।