नई दिल्ली: मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी ने बिहार में जनता परिवार से अलग होकर अपने दम पर इलेक्शन लडने का ऐलान कर दिया है, लेकिन लालू और नीतीश ने अभी इत्तेहाद यानी महागठबंधन को बनाए रखने की उम्मीद नहीं छोड़े है।
इसकी वजह से महागठबंधन को बचाने और मुलायम सिंह यादव को मनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। जदयू सदर शरद यादव के बाद जुमे के रोज़ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव मुलायम से मुलाकात करने दिल्ली आ रहे हैं और उन्हें जनता परिवार में बने रहने के लिए मनाएंगे।
मुलायम की नाराजगी की वजह सीट का बंटवारा बताया जा रहा है। दरअसल नीतीश और लालू ने बिहार की 243 सीटों में से 100-100 सीटें आपस में बांट ली। 40 सीटें कांग्रेस को थमा दीं। बची 3 सीटों में से 2 सपा और 1 राकांपा को देने का फैसला किया।
इस पर जब समाजवादी खेमे से नाराजगी दिखाई गई तो लालू ने कहा वह अपने कोटे की 2 और राकांपा की 1 सपा को देने को तैयार हैं। इस तरह मुलायम के खाते कुल 5 सीटें आईं, लेकिन 243 में से सिर्फ 5 सीटों को समाजवादी पार्टी ने अपने लिये तौहीन करार दिया। फिलहाल रामगोपाल ने इस इत्तेहाद के आखिर का ऐलान कर दिया है।