हैदराबाद 21 सितम्बर: अकबर ओवैसी हमला केस की समाअत के दौरान रुकने असेंबली अकबरुद्दीन ओवैसी पर वकील दिफ़ा ने फिर एक मर्तबा जरह किया जिसमें उन्होंने तमाम सवालात के जवाबात की नफ़ी की। वकील दिफ़ा एडवोकेट जी गुरु मूर्ती ने अकबर ओवैसी से ये सवाल किया कि हमले के दिन नीचे गिरने के बाद अपनी पिस्तौल से इबराहीम याफ़ई के सीने पर फायरिंग की थी। रुकने असेंबली ने इस पर कहा कि उन्हों ने अपनी पिस्तौल से इबराहीम बिन यूनुस याफ़ई पर फायरिंग नहीं की और उन की गोली से इबराहीम याफ़ई हलाक नहीं हुए।
ये बात बिलकुल ग़लत है कि इबराहीम याफ़ई फ़रार होने के दौरान उन्हों ने अपने दुसरे साथीयों गनमैन जानी मियां और दुसरें ने हमला किया था और ना ही वो उस के ज़िम्मेदार हैं। उन्हों ने कहा कि ये बात ग़लत है कि इबराहीम याफ़ई के सीने से ख़ून बहता देखकर ऊद बिन यूनुस याफ़ई ने मुक़ामी अवाम से मदद तलब की और ये बात भी सरासर ग़लत है कि अहमद बलाला, जानी मियां को फायरिंग करने का उन्होंने हुक्म दिया और बग़ैर किसी वार्निंग के ऊद के पेट में गोली मारने का हुक्म देने का दावा भी ग़लत है।
रुकने असेंबली ने कहा कि मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उर्फ़ मुहम्मद पहलवान और उन के अरकाने ख़ानदान के ख़िलाफ़ मुजरिमाना साज़िश रचने और उन्हें ख़त्म करने का कोई मन्सूबा तैयार नहीं किया। मुझे ये नहीं पिता कि मेरे बाएं हाथ पर जो ज़ख़म आए वो गोली के छू कर गुज़र जाने से या फिर गोली लगने से आए जबकि मेरे हाथ पर क़साई की चाक़ू से किए गए हमले की वजह से ज़ख़म आए। इस बात की भी उन्हों ने नफ़ी करते हुए कहा कि हमले के दिन मेरे और इबराहीम याफ़ई के बीच हुई हाथा पाई के दौरान लोड की हुई पिस्तौल जिसे नाफ़ के नीचे रखा था इत्तेफ़ाक़ी तौर पर मिस फ़ायर हुई जिसके नतीजे में मुझे ज़ख़म आया।