हुकूमत इराक़ की तरफ़ से मुबय्यना (कथित) तौर पर हाल ही में जारी एक हुकमनामे की वजह से इराक़ी सिपाही और पुलिस मुलाज़मीन दाढ़ी नहीं रख सकेंगे। और इस्लामी वेबसाइट ऑन इस्लाम डाट नेट की एक इत्तिला के मुताबिक़ इराक़ में कई दहाईयों तक मुतलक़ उल-अनान (डिकटेटर) हुक्मरानी के ख़ातमा के बाद क़ायम जमहूरी हुकूमत के इस हुक्मनामा से इराक़ में ज़बरदस्त बहस छिड़ गई है।
बाअज़ गोशों ने इस फ़ैसले को शख़्सी-ओ-मज़हबी आज़ादी पर कारी ज़र्ब क़रार दिया है। एक पुलिस मीका नेक अबू हैदर ने कहा कि ये शख़्सी आज़ादी में मुदाख़िलत बेजा है जिस का मज़ा हम ने एक मुतलक़ उल-अनान (डिकटेटर) हुकूमत को बेदखल करने के बाद चखा है।