हैदराबाद 28 अगस्त : हरीश राव ने महाराष्ट्रा से हाल और माज़ी में किए गए तमाम मुआहिदों के दस्तावेज़ात मीडिया को पेश करते हुए कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टीयों के दावे की क़लई खोल दी।
तेलंगाना के मुस्तक़बिल के लिए मज़बूत बुनियाद रखने और असेंबली में अप्पोज़ीशन का बियान्ड बजाने का एलान किया। मीडिया से ख़ुसूसी बातचीत करते हुए हरीश राव ने कहा कि जज़बा तेलंगाना को मलहूज़ रखते हुए पानी के मुआमले में ख़ुसूसी मंसूबा बंदी तैयार की गई है। प्रोजेक्ट्स को एक दूसरे से जोड़ते हुए बारिश पर इन्हिसार किए बग़ैर दो फ़सलें तैयार करने की हिक्मत-ए-अमली को क़तईयत दी गई है।
तेलंगाना हुकूमत ने तमडी हटी पर 152 बुलंद मीटर ब्रिजस तामीर करने की आख़िरी मरहले तक कोशिश की है। 2 जून 2014 में तेलंगाना की तशकील के सिर्फ देढ़ माह में वो माहिरीन और इंजीनियर्स के साथ महाराष्ट्रा पहोनचकर कांग्रेस हुकूमत के वज़ीर आबपाशी हुस्न मिस्री से मुलाक़ात की और 152 मीटर बुलंद ब्रिजस तामीर करने की बात की। उन्होंने कहा कि हम पहले से इस के लिए तैयार नहीं है। हमें आइन्दा 4 माह में चुनाव का सामना है। हम कैसे उस को क़बूल करेंगे। हमने उन्हें बताया कि हम अभी इस प्रोजेक्ट पर 8 हज़ार करोड़ रुपये ख़र्च कर चुके हैं। महाराष्ट्रा में चुनाव के बाद बीजेपी शिवसेना की हुकूमत क़ायम हुई। 152 मीटर की मुख़ालिफ़त करने वाले अप्पोज़ीशन लीडर फडणवीस चीफ़ मिनिस्टर बन गए।
उन्होंने इस तजवीज़ को क़बूल करने से इनकार कर दिया। 4 मार्च 2015 को सेंट्रल वाटर कमीशन ने तेलंगाना हुकूमत को मकतूब रवाना करते हुए कहा कि माज़ी में ये तवक़्क़ो की जा रही थी कि चीवड़ला पर इन्हीता प्रोजेक्ट में 160 टी एमसी पानी रहेगा जिसकी तवक़्क़ो नहीं है। सिर्फ 102 टी एमसी पानी की गुंजाइश है। इस में 40 टी एमसी मुख़्तलिफ़ अग़राज़ के लिए इस्तेमाल किया जाने का मन्सूबा है।