इशरत जहां इन काउंटर मामला में सीबीआई के जरिये पेश चार्ज शीट में गुजरात के इस वक़्त के वजीरे दाख्ला अमीत शाह का नाम शामिल नहीं किए जाने पर आल इंडिया यूनायटेड मुस्लिम मोर्चा ने इसे मुजहका खेज़ बताते हुये मर्कज़ की यूपीए हुकूमत से इस मामले पर सच्चाई को सामने लाने का मुताल्बा किया है।
मोर्चा के क़ौमी सदर कमाल अशरफी ने एक प्रेस बयान में कहा के गुजरात में इशरत जहां इनकाउंटर के साथ-साथ यूपी के मुजफ्फरनगर में हुये फिरका वराना फसादात के बाद समाजवादी पार्टी के क़ौमी सदर और साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर मुलायम सिंह यादव का वो बयान जिसमे उन्होने कहा के मुजफ्फरनगर फसादात मुतासरीन कैंप में फसाद मुतासरीन नहीं बल्कि काँग्रेस और बीजेपी के एजेंट रह रहे हैं, को इंतिहाई अफसोसनाक और गैर जिम्मेदाराना बताया।
उन्होने कहा के गुजरात फसाद से ज़्यादा भयानक से कम भयानक मुजफ्फरनगर फसाद नहीं था।। ये फसाद ये वाजेह करता है के समाजवादी पार्टी सिर्फ नाम की सेकुलर जमात है। उन्होने कहा के फसाद जदगान को सजा देने और मुतासरीन की पूरी-पूरी मदद करने के बजाए मुलायम सिंह इस पर ओछी सियासत कर रहे हैं। उन्होने कहा के मोर्चा को इस बात पर अफसोस है के इस ने 2012 के एसेम्बली इंतिख़ाब में समाजवादी पार्टी की हिमायत की।