चीफ़ मिनिस्टर गुजरात और बी जे पी विज़ारत-ए-उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को एक और बड़ा धक्का पहूंचने वाले इन्किशाफ़ में बताया गया है कि मोदी के क़रीबी साथी अमीत शाह ने इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाउंटर केस में तहक़ीक़ात पर असरअंदाज़ होने की कोशिश की।
मीडिया को मिलने वाले टेप से पता चलता है कि अमीत शाह गुजरात के वुज़रा से मुलाक़ात करते हुए उन्हें मुबय्यना तौर पर तहक़ीक़ात में रुकावट किस तरह पैदा की जाये, उसकी हिदायत दे रहे थे।
इस टेप में गुजरात के ऐडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी और रियासती वुज़रा प्रदीप सिन्हा जडेजा और प्रफ़ुल पटेल के दरमियान हुई बातचीत रिकार्ड की गई है। बातचीत के दौरान मोदी के सेक्रेटरी गिरीश चंद्रा मुरमू और दो आला पुलिस ओहदेदार जी एल सांघी और तरूण बुरूत भी शामिल थे।
इशरत जहां केस में सी बी आई चार्जशीट के मुताबिक़ ये मुलाक़ात गुजरात के ऐडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी के चैंबर में हुई। इशरत जहां केस में गुजरात हाइकोर्ट में ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती टीम की जानिब से रिपोर्ट दाख़िल किए जाने से एक दिन क़ब्ल अमीत शाह ने मज़कूरा तमाम वुज़रा को मुबय्यना तौर पर इस तहक़ीक़ात पर असरअंदाज़ होने की हिदायत दी थी। सी बी आई ने प्रफ़ुल पटेल और गिरीश चंद्रा को तलब करते हुए पूछगिछ की थी।
उसने डी जी वंज़ारा से भी पूछगिछ की है। वंज़ारा ने गुजरात में फ़र्ज़ी एनकाउंटर के लिए अमीत शाह को ज़िम्मेदार ठहराते हुए एक मकतूब तहरीर किया था जिसके बाद सी बी आई ने उनसे भी पूछगिछ की। बताया जाता है कि प्रफ़ुल पटेल ने सी बी आई के रूबरू एतराफ़ किया है कि अमीत शाह, इशरत जहां फ़र्ज़ी एनकाउंटर की पहले ही से ख़बर रखते थे। इस के बाद वो तहक़ीक़ात के हर मरहले पर नज़र रखे हुए थे। सी बी आई फिर एक मर्तबा इन नए इन्किशाफ़ात की रोशनी में अमीत शाह से पूछगिछ करना चाहती है