इशरत जहां केस : पुलिस ओहदेदार पांडेय को गिरफ़्तार करने का हुक्म

अहमदाबाद, 03 मई (पी टी आई) सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत ने आज गुजरात के आला पुलिस ओहदेदार पी पी पांडे के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है। उन पर 2004‍ में मुंबई की नौजवान तालिबा इशरत जहां और दीगर 3 के फ़र्ज़ी एनकाउंटर का इल्ज़ाम है।

1980 बैच के आई पी एस ओहदेदार गुजरात कैडर में इस वक़्त ऐडीशनल डी जी पी (क्राईम) की हैसियत से ख़िदमत अंजाम दे रहे हैं। एनकाउंटर के वक़्त वो अहमदाबाद के जवाइंट कमिशनर पुलिस थे। सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत के जज गीता गोपी ने सी बी आई की जानिब से दाख़िल करदा दरख़ास्त नज़रेसानी ( पुन: विचार) पर वारंट जारी किए हैं।

इस केस की सूरत-ए-हाल का जायज़ा लेने के बाद जज की दिलचस्पी से अदालत की मुदाख़िलत ज़रूरी हो गई थी। एडीशनल चीफ़ जोडेशीयल मजिस्ट्रेट (judicial magistrate) अहमदाबाद के अहकाम को कुलअदम क़रार देते हुए जिसने पांडे की गिरफ़्तारी के लिए वारंट देने से सी बी आई की दरख़ास्त को मुस्तरद कर दिया था।

जज ने एहसास ज़ाहिर किया कि नज़रसानी शूदा दरख़ास्त के तहत अदालत के अहकाम में बज़ाहिर ग़लती नज़र आती है। अदालत ने अपने अहकाम में जो तास्सुरात पेश किए हैं वो क़ानून के दफ़आत से मुताबिक़ नहीं रखते। ये गै़रक़ानूनी और ग़ैर दुरुस्त है। 25 अप्रैल को एडीशनल चीफ़ जोडेशील मजिस्ट्रेट इसके हाट वार में सी बी आई की दरख़ास्त को मुस्तरद कर दिया था।

तहक़ीक़ाती ओहदेदार को गिरफ़्तारी का पूरा इख्तेयार हासिल है। सी बी आई ने अपनी दरख़ास्त नज़रसानी में अदालत से अपील की थी कि ताअज़ीरात-ए-हिंद की दफ़ा 73 के तहत पी पी पांडे की गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया जाये। सी बी आई ने दावा किया कि ये ओहदेदार सी बी आई से बचने की कोशिश करता रहा है।

एजेंसी के लिए ज़रूरी हो गया था कि वो उसे अपनी तहवील में लेकर पूछगिछ करे। इस सिलसिला में अदालत का तआवुन नागुज़ीर बन गया था। सी बी आई वकील एलडी तिवारी ने बयान देते हुए कहा कि हम ने 22 और 24 अप्रैल को दो समन जारी किए थे लेकिन इसने कोई जवाब नहीं दिया।

जब हम उन से मुलाक़ात के लिए अहमदाबाद की रिहायशगाह पहुंचे तो उनके बड़े फ़र्ज़ंद ने पांडे का अता पता बताने से इनकार किया। इनका सरकारी मोबाईल फ़ोन भी नाक़ाबिल रसाई बन गया था। 19 साला इशरतजहां को मुंबई से जावेद शेख़ उर्फ़ प्रणेश पिलाई और अमजद अली अकबर अली राणा ज़ीशान जौहर के हमराह एनकाउंटर करके हलाक कर दिया गया था।

पुलिस ने दावा किया था कि ये तमाम लोग दहशतगर्दी से ताल्लुक़ रखते थे और ये चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी का क़त्ल करने के मिशन पर गुजरात आ रहे थे।

ताहम मुतवफ़्फ़ी नौजवानों के रिश्तेदारों ने पुलिस के इस दावे को मुस्तरद कर दिया था।