इशरत जहां दहश्तगर्द नहीं , एनकाउंटर फ़र्ज़ी: सी बी आई

अहमदाबाद 4 जुलाई (पी टी आई)- नरेंद्र मोदी हुकूमत के लिए मुश्किलात में इज़ाफ़ा करते हुए सी बी आई ने 19 साला इशरत जहां को क्लीनचिट दे दी और कहा कि ये लड़की दहश्तगर्द नहीं थी।

2004 में हुआ एनकाउंटर फ़र्ज़ी था। इस केस में 7 पुलिस ओहदेदारों पर चार्ज शीट आइद की गई है, जिस में कहा गया है कि इशरत जहां का फ़र्ज़ी एनकाउंटर गुजरात पुलिस और ज़िमनी एन्टेलीजेन्स ब्यूरो के दरमयान मुशतर्का ऑप्रेशन का हिस्सा था।

सी बी आई ने 9 साल क़ब्ल गुजरात पुलिस की जानिब से किए गए इशरत जहां और दीगर तीन के एनकाउंटर को फ़र्ज़ी क़रार देते हुए गुजरात हाइकोर्ट में चार्जशीट दाख़िल की है। चार्जशीट में इल्ज़ाम आइद किया गया है कि गुजरात के पुलिस ओहदेदार डी जी वंज़ारा, तरूण बुरूत, जजे आर परमार और एन के अमीन क़त्ल की साज़िश रचाने और सबूतों को मिटाने में मुलव्वस हैं।

सी बी आई ने ये भी कहा कि इशरत जहां दहश्तगर्द नहीं थी अलबत्ता इस के तीनों साथी जो फ़र्ज़ी एनकाउंटर में हलाक हुए, मुबय्यना तौर पर दहश्तगर्द ग्रुप से ताल्लुक़ रखते थे। सी बी आई ने कहा कि इशरत जहां के तीन साथी जिन के नाम प्रणेश पिलाई उर्फ़ जावेद शेख़, अमजद अली राणा और ज़ीशान जौहर हैं, अहमदाबाद में मुबय्यना तौर पर हमला करने का मंसूबा बनारहे थे। सी बी आई ने मज़ीद कहा कि प्रणेश उर्फ़ जावेद शेख़ ने इशरत जहां को इस्तिमाल किया था जो मुंबई के कॉलिज की तालिबा थी। इशरत जहां को अपने मंसूबा में कामयाबी के बाद फ़रार होने के लिए एक ढाल के तौर पर इस्तिमाल करने वाले थे।

इन चारों को गुजरात पुलिस ने एनकाउंटर में हलाक कर दिया। सी बी आई ओहदेदार ने बताया कि इशरत के तीन मर्द साथी पाकिस्तान की लश्कर-ए-तयबा के रुकन मुज़म्मिल से रब्त रखे हुए थे। उनकी टेलीफ़ोन बातचीत के दौरान सब़्सीडियरी आई बी ने शुबा ज़ाहिर किया था और इन तीनों को मुश्तबा क़रार दिया था। ये तीनों अहमदाबाद में दहश्तगर्द हमले करने का मंसूबा बनारहे थे लेकिन चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी इनका निशाना नहीं थे। गुजरात पुलिस क्राईम ब्रांच ने दावा किया था कि लश्कर-ए-तुयबा के मंसूबे को रूबा अमल लाने के लिए ये चारों अहमदाबाद पहुंच रहे थे ताकि नरेंद्र मोदी का क़त्ल करसकें। सी बी आई की तहक़ीक़ात से पता चलता है कि इशरत जहां और प्रणेश ने गुजरात का दूसरी मर्तबा दौरा किया था। जब उन्हें वडोदरा के वसाड़ इलाक़ा में गिरफ़्तार किया गया। सी बी आई की चार्जशीट में 9 पुलिस ओहदेदारों के बयानात भी शामिल हैं जिन्होंने मुनज़्ज़म करदा एनकाउंटर में हिस्सा लिया था। उनके बयानात मुंबई अदालत में ताअज़ीरात-ए-हिंद की दफ़ा 164 के तहत कलमबंद किए गए थे। क्राईम ब्रांच के ओहदेदार ने अपने बयान में बताया था कि चारों पर फायरिंग करने के लिए जो हथियार इस्तिमाल किए गए वो ए के 47 और दो 9 एम एम पिस्तौलस थे। सी बी आई ने ये सबूत भी पेश किया है कि आई बी के जवाइंट डायरैक्टर राजिंदर कुमार भी इस केस में मुलव्वस हैं। क्राईम ब्रांच के ओहदेदार ने बताया कि राजिंदर कुमार ने गुजरात के आई पी एस ओहदेदारों डी जी वंज़ारा और ए पी पांडे के साथ मिल कर राणा से सवालात करने के लिए शहर के बाहर अर्हाम फ़ार्म हाऊस आए थे।

क़तूर पर वाटर वर्क़्स जहां पर ये एनकाउंटर हुआ था, क्राईम ब्रांच ओहदेदारों ने एक दूसरे से उस वक़्त लड़ाई की थी जब पुलिस इन्सपैक्टर और कमांडो ने इन चारों पर फायरिंग करने से इनकार किया था। इन में से दो साथीयों ने उन के हथियार छीन कर इशरत जहां और दीगर साथीयों पर फायरिंग करदी।