इसरो साईंसदानों के ख़िलाफ़ कार्रवाई जम्हूरियत का मज़ाक़

बैंगलौर, ०‍ ३ फरवरी (पी टी आई) इंटरेक्स-देवास सौदे पर चार ख़लाई साईंसदानों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई को शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए इसरो के साबिक़ सरबराह प्रोफेसर यू आर राव ने कहा कि मज़कूरा चारों साईंसदानों को अपनी सफ़ाई पेश करने का मौक़ा भी नहीं दिया गया और इस तरह यकतरफ़ा कार्रवाई करना नानसाफ़ी और शरारत पसंदी है ।

इस नवीत के वाक़ियात से इसरो जैसी आज़म तरीन एजंसी में फैसला साज़ी शदीद तौर पर मुतास्सिर होगी। उन्हों ने जम्हूरियत की दहाई देते हुए कहाकि हिंदूस्तान जैसी जम्हूरियत में साईंसदानों के साथ एसा सुलूक रवा रखा जाना हैरतनाक है।

इन की समझ में नहीं आता कि आख़िर वो कैसी जम्हूरियत में सांस ले रहे हैं। उन्हों ने कहा कि अगर साईंसदानों से गलतियां सरज़द हुई हैं तो उन के ख़िलाफ़ बेशक कार्रवाई की जानी चाहीए लेकिन कम से कम उन्हें अपना दिफ़ा करने का मौक़ा तो दिया जाना चाहीए ताकि ये मालूम हो सके कि आख़िर वो क्या हालात थे जिन के तहत साईंसदाँ सौदेबाज़ी के लिए मजबूर हुए।