रियाद: लोरना जो पहले एक कैथोलिक टीचर थीं, इस्लाम धर्म में आने के बाद वो गर्व महसूस कर रही हैं.
उन्होंने एक प्रोग्राम के दौरान बताया कि इस्लाम में दाख़िल होने से पहले मैं एक कैथोलिक थी, उसके बाद मैं सऊदी अरब आई कि यहाँ मुझे बेहतर ज़िन्दगी मिलेगी.
उन्होंने बताया कि यहाँ मेरे स्पोंसर ने मुझे लाइब्रेरी की ताक़ की सफाई का काम दिया जहाँ मुझे क़ुरान-ए-पाक का तर्जुमा मिला. “मैंने अपने स्पोंसर से पूछा कि क्या मैं क़ुरान पढ़ सकती हूँ, उन्होंने मेरे विचार का समर्थन किया” लोरना ने कहा.
ये प्रोग्राम नए मुसलमानों का सम्मान करने के ऐतबार से रखा गया था.
उन्होंने कहा कि मुझे मुसलमान हो जाने पर गर्व महसूस हो रहा है. मोना नस्सेर अल ख़ालिदी ने नए मुसलमानों को मुबारकबाद पेश की