कॉल डिटेल से पता चला है कि नाबालिग से इस्मतरेज़ि से पहले आसाराम बापू ने अपनी साथी शिल्पी से फोन पर 46 मरतबा बात की थी। जोधपुर हाईकोर्ट में शिल्पी की Anticipatory bail की दरखास्त को लेकर आज (जुमे) करीब डेढ़ घंटे चली सुनवाई में प्रासीक्यूटर्स के वकील ने कॉल डिटेल को बतौर सुबूत पेश किया।
सुबूत में बताया गया कि नाबालिग को जोधपुर के पास मणई वाकेय् कुटिया में पहुंचाने से पहले शिल्पी और आसाराम के बीच 46 मरतबा बात हुई थी।
प्रासीक्यूटर्स के वकील ने बताया कि आसाराम के खास खिदमतगार शिवा और शिल्पी के बीच भी 17 मरतबा बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि कि कॉल डिटेल अपने आप में साजिश की ओर इशारा करते हुए शिल्पी को अहम मुल्ज़िम साबित कर रहे हैं।
ये सभी कॉल 6 अगस्त से 16 अगस्त के बीच किए गए और वाकिया 15 अगस्त को हुई।
अदालत को बताया कि ये कॉल डिटेल तब से ली गई है जब से शिल्पी ने मुतास्सिरा के घरवालो को इलाज के लिए आसाराम के पास ले जाने के लिए कहा था।
प्रासीक्यूटर ने अदालत से कहा कि शिल्पी इस मामले की अहम कड़ी है और अब तक पुलिस से बच रही है। आसाराम और शिवा से पूछताछ में शिल्पी से मुताल्लिक हकायक की जांच के लिए शिल्पी का गिरफ्तार होना जरूरी है।
इससे पहले बचाव पार्टीइ के वकील ने आदालत से कहा कि शिल्पी से पुलिस पहले ही पूछताछ कर चुकी है और पुलिस ने शिल्पी को गलत हकायक की बुनियाद पर मुल्ज़िम बनाया है।
नाबालिग से आबरूरेज़ि के मामले में आसाराम के दो और साथी रसोइए प्रकाश व मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा वाकेय् गुरुकुल के मैनेजर शरद ने आज जुमे को जोधपुर District and Sessions Court में पहुंचकर खुदसुपुर्दगी की।
इसके बाद जोधपुर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को पुलिस हफ्ते के दिन दोबारा कोर्ट में पेश करेगी। इस मामले के अहम मुल्ज़िम आसाराम और उनका खास खादिम शिवा दोनों जोधपुर सेंट्रल जेल में अदालती हिरासत में हैं।
इस्मतरेज़ि के मामले में नामजद दोनों मुल्ज़िमों ने District and Sessions Judge मनोज कुमार व्यास की अदालत में खुदसुपुर्दगी की।