नॉर्वे की दक्षिणपंथी सरकार ने बुधवार को एलान किया कि स्कूली कक्षाओं और यूनिवर्सिटी के लेक्टचर हॉल में पूरा चेहरा ढकने वाले इस्लामी बुर्क़े पर प्रतिबंध लगाएगी। शिक्षामंत्री तोरबर्जोन रो इसाक्सेन ने वार्टलैंड अखबार को बताया कि सरकार ने मांग की है कि राष्ट्रीय नियमों के अनुसार स्कूलों और विश्वविद्यालयों में हिजाब पर प्रतिबंद्ध लगाया जाए।आमतौर पर नॉर्वे के स्कुलों में बहुत कम ही मुस्लिम महिलाएं बुर्क़े में दीखती हैं। लेकिन हाल ही में संसदीय चुनाव से ठीक एक साल पहले इस मुद्दे को राजनीतिक बहस के केंद्र में लाया गया है। कई पार्टियों ने प्रतिबंध के पक्ष में अपना मत व्यक्त किया है। इसमें विपक्षी दल लेबर पार्टी भी शामिल है।
रो इसाक्सेन ने जोर देकर कहा कि यह प्रतिबंध इस्लामी हैडस्कार्व्ज़ पर लागू नहीं होगा बल्कि पूरा चेहरा दिखाने वाले हिजाब पर होगा। उन्होंने पार्लियामेंट में कहा कि नॉर्वे की जनता को अपनी आस्था व्यक्त करने का पूरा अधिकार दिया जाना चाहिए। मैं चाहता हूं कि एक ईसाई लड़की क्रॉस पहनी हुई दिखे। मैं चाहता हूं कि एक यहूदी लड़के को भी किप्पा पहनकर घुमने की इजाजत होनी चाहिए। और मैं चाहता हूं कि हिजाब पर भी प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। अब नार्वे भी उन देशों में शामिल हो गया है जो चेहरा ढकने वाले नक़ाब और पूरे शरीर को छिपाने वाले बुर्क़ा को प्रतिबंधित कर किए हैं। शुक्रवार को बुल्गारिया ने सार्वजनिक जगहों पर औरतों को हिजाब पहनने से रोक लगा लगा दी। तो दूसरी तरफ स्विट्जरलैंड ने हिजाब पर रोक लगाने के लिए अपने लोवर हॉउस में एक विधेयक मसौदे को मंजूरी दी है।
अगस्त में जर्मन के गृहमंत्री ने हिजाब पर आंशिक प्रतिबंध की वकालत की थी। फ्रांस और बेल्जियम ने पहले ही सार्वजनिक स्थलों पर बुर्क़ा और नकाब पहने पर रोक लगा रखा है। अभी हाल ही में फ्रांस के एक बिच रिसॉर्ट पर पूरे शरीर को ढकने वाला बुर्क़िनी यानी इस्लामी बिकनी पहनने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद गहराया था। तो वहीं पिछले महीने एक जनमत सर्वेक्षण प्रकाशित हुआ था जिसमें ब्रिटोंस में बुर्क़ा प्रतिबंध के पक्ष में मुहिम चलाया गया था।