इस्लाम औरतो को जायदाद में मालिकाना हक़ दिया है कुरान में औरतो को जायदाद में एक तिहाई हिस्सा का हुक्म है चुकि औरत के खर्चे का भार शौहर के कंधो पे डाला गया है
इसलियें औरत को एक तिहाई हस्सा मिलने के बाद भी मर्द की property में हिस्सेदारी रहती है वही औरत को इस बात की आजादी है कि वो अपने शौहर के बिना अनुमति के भी अपनी जायदाद बेच सकती है
[Qur’an, 2:180-182, 2:240, 4:33, 5:106-107] में ज़ायदाद के वसीयत नामे में लड़कियों को 1/3 हिस्सा देने का स्पस्ट उल्लेख है
लडको और लड़कियों को property के बटवारे का इस्लामिक नियम
इस्लामिक शर्रियत के हिसाब ज़ायदाद में लडको को दो तिहाई और लड़कियों को एक तिहाई देने का हुक्म है मिसाल के तौर पे अगर किसी परिवार में पांच बच्चे है जिसमे दो लड़किया और तीन लड़के है फिर दो लड़कियों को मिलाकर एक तिहाई यानी हर एक लड़की को 16.5 हिस्सा मिलेगा
उस परिवार की property सारे लडको में 2/3 मिला कर होगी यानी हर लड़के को 22.3 फ़ीसद ज़ायदाद मिलेगी .
साभार- headline24.in