ओसामा ज़करिया, नई दिल्ली: भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त जनाब एस वाई कुरैशी ने गुरुवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्थापना दिवस के मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को पहले ही हक़ और इंसाफ के लिए पुरे अधिकार दिए हैं।
उन्होंने तालीम के महत्व को बताते हुए कहा कि क़ुरान का हुकुम है कि आप तालीम को हर कीमत पर हासिल करें चाहे फिर इसके लिए आपको चीन क्यों ना जाना पड़े।
समाज में महिलाओं की स्थिति खास कर मुस्लिम समाज की महिलाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि आज अल्पसंख्यक समाज तालीम में पिछड़ा हुआ है।
इसका एक मुख्य कारण इस समाज की महिलाओं का कम पढ़ा लिखा या बिल्कुल अनपढ़ होना भी है। हमें जरूरत है कि हम मुस्लिम लड़कियों को स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक तालीम हासिल करने के लिए भेजें।
भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त जनाब कुरैशी साहब ने जामिया की तारीफ की और कहा की मैं भी जामिया का छात्र रहा हूँ मुझे इस बात पर गर्व है की जामिया मुस्लिम समाज के विकास में अहम योगदान दे रहा है।
अंत में उन्हींने सभी शैक्षिक संसथान को समाज की बेहतरी के लिए बेहद जरूरी बताया। मौके पर मौजूद जामिया के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने भी एस वाई कुरैशी की बातों से सहमत थे। कुलपति ने भी तालीम की एहमियत बताते हुए इसे समाज के विकास से जोड़ दिया।
जामिया अपना 96वें स्थापना दिवस माना रहा है। इस मौके पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कैंपस में 27 अक्टूबर से 29 ऑक्टूबर तक तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया गया है। जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।