हैदराबाद ।01 जनवरी: हैदराबाद की गंगा जमुनी तहज़ीब और उर्दू के फ़रोग़ में मुआविन समझे जाने वाले शंकर जी यादगार मुशायरह मुनाक़िद करनेवाली नुमाइश सोसाइटी ने आज 73 वीं कल हिंद सनअती नुमाइश के मौके पर उर्दू को फ़रामोश कर दिया।
नुमाइश सोसाइटी की तरफ से बयानर पर उर्दू तहरीर की अदमे मौजूदगी पर सोसाइटी के बेशतर अरकान में नाराज़गी देखी गई और कई अरकान ने इस पर इंतिज़ामी कमेटी अरकान-ओ-सेक्रेटरी की तवज्जा मबज़ूल करवाई और एसे उर्दू बुग़ज़ से ताबीर किया।
हुकूमत की तरफ से उर्दू को इस के जायज़-ओ-मसतहक़ा मुक़ाम की फ़राहमी के इक़दामात के दावे किए जाते हैं लेकिन अमली तौर पर एसा कहीं नहीं देखा जाता।
चूँकि उर्दू को एक मज़हबी ज़बान के तौर पर पेश किया जाने लगा है जबके इस हक़ीक़त से हर कोई वाक़िफ़ है कि उर्दू ज़बान ने ना सिर्फ़ आज़ादई हिंद में कलीदी किरदार अदा किया है। नुमाइश सोसाइटी जो कि अरसा-ए-दराज़ से शंकर जी यादगार मुशायरह मुनाक़िद करते हुए उर्दू की ख़िदमत करती आई है।
इस सोसाइटी की तरफ से अचानक सिर्फ़ तेलगु ज़बान में मौजूद शहि नशीन के बयानर से तक़रीबन सभी अरकान सोसाइटी को हैरत में मुबतला कर दिया है जबके दो साल पहले नुमाइश को उर्दू के लफ़्ज़ नुमाइश से मौसूम करते हुए फ़राख़दिली का मुज़ाहरह किया गया था लेकिन आज नुमाइश के इफ़्तिताह के मौके पर मुनाक़िदा तक़रीब के लिए तैयार करदा शहि नशीन पर से ना सिर्फ़ उर्दू ग़ायब रही बल्के जिस नुमाइश का इफ़्तिताह अंजाम दिया जाने वाला था उसी का नाम नुमाइश भी मौजूद नहीं था बल्के नुमाइश का भी तेलगु तर्जुमा बयानर पर तहरीर था।
बाअज़ ज़िम्मेदार अस्हाब जोकि सोसाइटी के सीनीयर तरीन ज़िम्मा दारान में शुमार होते हैं ने इस के लिए सेक्रेटरी सोसाइटी को ज़िम्मेदार क़रार दिया।
क़ारी मीर इक़बाल अली ख़ान के अलावा दुसरे सीनीयर अरकान ने भी सोसाइटी की तरफ से बयानर में उर्दू शामिल ना किए जाने पर शदीद एतराज़ किया। अलावा अज़ीं सोसाइटी के ग़ैर मुस्लिम सीनीयर अरकान में भी इस अमर पर नाराज़गी देखी गई।