तमिलनाडू में बी जे पी की दो हलीफ़ सियासी पार्टीयों ने मर्कज़ की एन डी ए हुकूमत पर ज़ोर दिया है कि ईंधन की क़ीमतों में इज़ाफे से फ़ौरी दसतबरदारी इख़तेयार की जाये। उन्होंने कहा कि आम आदमी पहले ही से रेल किरायों में इज़ाफे के बोझ तले जी रहा है। इस के अलावा दीगर बोझ भी आइद किए गए हैं।
ईंधन की क़ीमतों में इज़ाफे से आम आदमी बुरी तरह मुतास्सिर होगा। बानी पी एम के मिस्टर एस राम दास ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को क़ीमतों के बारे में अवाम की तवक़्क़ुआत की तकमील करनी चाहिए जो उन के बरसर-ए-इक़्तेदार आते ही क़ीमतों में कमी की उमीद कररहे थे।
नई हुकूमत का फ़र्ज़ है कि वो ऐसे करे। एम डी एम के ने जो बी जे पी की एक और हलीफ़ सियासी पार्टी है , इसी तरह की राय ज़ाहिर की और कहा कि कांग्रेस ज़ेर-ए-क़ियादत यू पी ए को अवाम ने इंतेख़ाबात में इक़्तेदार से बेदख़ल कर दिया क्योंकि वो अपने फ़राइज़ की अदायगी में कोताही बरत रही थी।
तेल फ़रोख़त करनेवाली कंपनीयों को ईंधन की क़ीमतें तए करने का इख़तेयार दिया गया था। पार्टी के सरबराह वायको ने मुतालिबा किया कि हुकूमत को तेल सरबराह करनेवाली कंपनीयों से ईंधन की क़ीमतों के ताय्युन का इख़तेयार वापिस ले लेना चाहिए। दोनों क़ाइदीन ने मुतालिबा किया कि पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों में हालिया इज़ाफे से फ़ौरी दसतबरदारी इख़तेयार की जाये।