हैदराबाद२९ मार्च(एजैंसीज़)हिंदूस्तान को ईरान के बाद तुर्की की शक्ल में अपने गेहूं का एक और ख़रीदार मिल गया ही। तुर्की ने हिंदूस्तानी गेहूं की ख़रीदी में दिलचस्पी ज़ाहिर की है जिस से हमारे मुल़्क की बरामदात में इज़ाफ़ा के इमकानात रोशन होगए हैं । वाज़िह रहे कि इस वक़्त हिंदूस्तान दुनिया के मुख़्तलिफ़ ममालिक बिलख़सूस ख़लीजी ममालिक कोतक़रीबन लाख टन गेहूं बरामद करता ही।मर्कज़ी हुकूमत की एजैंसी एग्रीकल्चरल ऐंड परासीसड फ़ूड प्रोडक्शन एक्सपोर्ट डीवलपमनट अथॉरीटी के एक ओहदेदार ने बताया कि तुर्की की एक कंपनी टराइमकस ने हिंदूस्तानी गेहूं की ख़रीदी में दिलचस्पी का इज़हार किया है लेकिन वो कितनी मिक़दार में गेहूं ख़रीदना चाहती है इस का ताहाल इलम नहीं हो पाया है।
ताहम ये बात तो यक़ीनी है कि तुर्की को गेहूं की फ़रोख़त से आलमी मार्किट में हमारी बरामदात में इज़ाफ़ा ज़रूर होगा।इस से हिंदूस्तानी गेहूं के ताजरीन मैं उम्मीद की नई किरण पैदा होगई है जो आलमी मार्किट में रूस और आस्ट्रेलिया से कम क़ीमत पर गेहूं की बरामदात से काफ़ी मायूस थी। ज़राए के मुताबिक़ हिंदूस्तान मग़रिबी एशियाई मुलक तुर्की के लिए गेहू निक्की क़ीमत फ़ी टन 300डालर रखागा जो रूस की क़ीमत सी0डालर ज़्यादा है। बताया जाता है कि तुर्की दरअसल अपने पास्ता के मयार और बरामदात में इज़ाफ़ा के लिए हिंदूस्तान से गेहूं ख़रीदना चाहता है।
वाज़िह रहे कि दुनिया में तुर्की के बने पास्ता की बड़ी मांग ही। तुर्की की मंडी अमरीकी रूस यूक्रेन और कज़ाकिस्तान से गेहूं ख़रीद कर दुनिया के तक़रीबन 137ममालिक को पास्ता फ़रोख़त करती है जिन में पास्ता के बड़ेख़रीदार जैसे जापान इराक़ लीबिया-ए-और दीगर आ फ्रीकी ममालिक शामिल हैं।तुर्की अपने पास्ता में गेहूं की आमेज़िश के ज़रीया उस की लज़्ज़त को दोबाला करना चाहता है ताकिबैन-उल-अक़वामी मार्किट में इस की मांग में मज़ीद इज़ाफ़ा हो सकी। एक इत्तिला के मुताबिक़ तुर्की हिंदूस्तान से 3.5मुलैय्यन टन गेहूं ख़रीदेगा जिस से इस के पास्ता की बरामदात में लाख टन का इज़ाफ़ा होगा। दूसरी तरफ़ हिंदूस्तान की गेहूं की पैदावार 88.31मुलैय्यन टन है जिस की बरामदात में अब इज़ाफ़ा का इमकान है। ‘
एक हिंदूस्तानी ताजिर ने बताया कि ईरान इराक़ और तुर्की जैसे ममालिक हिंदूस्तानी गेहूं के मुस्तक़िलख़रीदार ना सही लेकिन तुर्की की जानिब से गेहूं की ख़रीदी में दिलचस्पी से हिंदूस्तान के ताजरीन को बड़ी राहत मिलेगी जो आलमी मार्किट में अपनी पैदावार की फ़रोख़त के लिए जद्द-ओ-जहद कररहे हैं ।
ख़्याल रहे कि हिंदूस्तान और तुर्की के दरमयान तक़रीबनबिलियन डालर के तिजारती ताल्लुक़ात हैं जिस में हिंदूस्तान का हिस्सा 5.9बिलीयन ही। हाल ही में सफ़ीर तुर्की बराए हिंदूस्तान डाक्टर बौर्क अकबर ने हिंदूस्तान के साथ आज़ादानातिजारती मुआहिदा(ree Trade Agreement) के ज़रूरत पर ज़ोर दिया। तवक़्क़ो है कि इस मुआहिदा से आइन्दा चंद बरसों में पारचा की एशियाई-ए- कैमीकलस इलेक्ट्रॉनिक्स इलैक्ट्रीकल आलात और रसोई घर की अशीया के शोबा में दोनों ममालिक के दरमयानतिजारती ताल्लुक़ात 20बिलीयन डालर तक पहुंच जाएंगी।