ईरान के साथ जौहरी मुज़ाकरात में मिज़ाईल प्रोग्राम नज़र अंदाज – मुबस्सिरीन

माहिरीन ने इस बात की निशानदेही की है कि ईरान के पास बैलिस्टिक मीज़ाईलों का मशरिक़े वुस्ता में सब से बड़ा ज़ख़ीरा है। ईरान के साथ एक जामे जौहरी मुआहिदे की तफ़सीलात तय करने के लिए मुक़र्रर की गई हतमी तारीख़ में तीन हफ़्ते बाक़ी हैं, मगर ईरान के बैलिस्टिक मिज़ाईल प्रोग्राम को मुआहिदे में नज़र अंदाज करना एक ख़तरनाक ग़फ़लत साबित हो सकता है।

ये बात अमरीकी क़ानून साज़ों के एक पैनल ने बुध को कही। जब ईरान और छः आलमी ताक़तों बाशमोल अमरीका, फ़्रांस, रूस, चीन, बर्तानिया और जर्मनी ने हतमी मुआहिदे के ख़दो ख़ाल पर समझौते का ऐलान किया, तो इस में ईरान के मिज़ाईल प्रोग्राम का मसअला शामिल नहीं था। हतमी मुआहिदा तय करने के लिए 30 जून की तारीख़ मुक़र्रर की गई है।