रुपये की क़दर में इन्हितात रोकने के लिए मंसूबा मर्कज़ी वज़ीर तेल वीरप्पा मोईली के वज़ीर-ए-आज़म और वज़ीरे फाईनानस के नाम मुक्तो बात
जारीया माली साल हिन्दुस्तान को 8अरब 50करोड़ अमरीकी डालर का ज़र-ए-मुबादला ख़ाम तेल की ज़्यादा मिक़दार में बरामद पर ख़र्च करना पड़ेगा । मर्कज़ी वज़ीर तेल ऐम वीरप्पा मोईली ने वज़ीर-ए-आज़म से कहा कि हिन्दुस्तान गुज़िशता माली साल के दौरान तेल की दरआमद पर 144अरब 29करोड़ अमरीकी डालर ख़र्च करचुका है और ईरान से ख़ाम तेल की बरामद के अहया का इमकान नहीं है । दीगर ममालिक बरअक्स ख़ाम तेल की बरामद केलिए ख़लीज-ए-फारिस के मुल्क को रुपये की शक्ल में अदा की जा सकती है ।
20अरब अमरीकी डालर ज़र-ए-मुबादला की बचत के मंसूबों की तफ़सीलात पर मुश्तमिल एक मकतूब मर्कज़ी वज़ीर तेल वीरप्पा मोईली ने 30अगस्त को वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह को रवाना किया गया है जिस में कहा गया है कि ईरान से एक करोड़ 10लाख टन ख़ाम तेल दरआमद किया जा सकता है । तक़रीबन 20लाख टन ख़ाम तेल ईरान से अब तक जारीया माली साल के दौरान दरआमद किया जा चुका है । मज़ीद एक करोड़ 10लाख टन 2013-14की बाक़ी मुद्दत में दरआमद करने के नतीजे में ग़ैर मुल्की ज़र तबादला मालियती 8अरब 47करोड़ अमरीकी डालर की बचत मुम्किन है ।
बैन-उल-अक़वामी बाज़ार मेंख़ाम तेल की क़ीमत 105अमरीकी डालर फ़ी बयारल है । इनका मंसूबा वज़ीर-ए-आज़म की जानिब से उनकी वज़ारत से रब्त पैदा करते हुए 25अरब अमरीकी डालर मालियती तेल की दरआमद के बिल में तख़फ़ीफ़ की ख़ाहिश पर वज़ीर-ए-आज़म को पेश किया गया है । वीरप्पा मोईली ने ऐसा ही एक मकतूब मर्कज़ी वज़ीर फाईनानस पी चिदम़्बरम के नाम भी रवाना किया है जिस में उन्हों ने तहरीर किया है कि बाअज़ ठोस इक़दामात के नतीजे में जारीया माली साल के दौरान 19ता 20 अरब अमरीकी डालर की बचत मुम्किन है । मंसूबे का सब से बड़ा असर ईरान से तेल की दरआमद का अहया है ।
अमरीका और मग़रिबी ममालिक तेल की अदायगी पर तहदीदात आइद कर चुके हैं लेकिन हिन्दुस्तान ईरान को कोलकता की यूनाइटेड कमर्शियल बैंक शाख़ कोलकता के ज़रीये रुपये में ख़ाम तेल की क़ीमत अदा कर सकता है । दीगर इक़दामात में सरकारी ज़ेर-ए-इंतज़ाम तेल कंपनीयों से ये ख़ाहिश करना भी शामिल है कि ख़ाम तेल की बरामदात 2012-13की सतह यानी 10करोड़ 59लाख 60हज़ार टन तक महिदूद रखी जाये । इस से एक अरब 76लाख अमरीकी डालर का ज़र-ए-मुबादला बचाया जा सकता है । इसके अलावा ईंधन के तहफ़्फ़ुज़ की एक मुहिम चलाई जाये ताकि गुज़िशता साल की ईंधन के ख़र्च की सतह में.1फ़ीसद का इज़ाफ़ा बरक़रार रखा जा सके ।
इससे मज़ीद 2अरब 50करोड़ अमरीकी डालर की बचत मुम्किन है । उन के मंसूबों का खाता वीरप्पा मोईली ने रुपये की क़दर के इन्हितात को रोकने की हुकूमत की कोशिशों के एक हिस्से के तौर पर पेश किया है । अमरीकी डालर की बनिसबत रुपये की क़दर में 23फ़ीसद इन्हितात देखा गया है । हिन्दुस्तान गुज़िशता माली साल के दौरान एक करोड़ 31लाख टन ख़ाम तेल ईरान से दरआमद करचुका है और जुलाई 2011 से यूरो के ज़रीये अदायगी करते हुए 55फ़ीसद क़ीमत अदा की जा चुकी है जो अनक़रा की हालिक बैंक के ज़रीये अदा की गई थी लेकिन 6फ़बरोरी से ऐसा करना नामुमकिन होगया ।