उबूरी ज़मानत में तौसीअ की तेजपाल की दरख़ास्त

तहलका के बानी ऐडीटर तरूण तेज पाल ने आज सुप्रीम कोर्ट में दरख़ास्त पेश करते हुए जिन्सी हमले के मुक़द्दमे में अपनी उबूरी ज़मानत में तौसीअ की ख़ाहिश की।

जस्टिस जे एस केहर और जस्टिस सी नागपन पर मुश्तमिल बेंच ने सहाफ़ी की दरख़ास्त की समाअत कल केलिए मुल्तवी करदी। तेज पाल अपनी उबूरी ज़मानत में 6 हफ़्तों की इस बुनियाद पर तौसीअ चाहते हैं कि उनकी वालिदा के इंतेक़ाल के बाद घर में उनकी मौजूदगी ज़रूरी है।

उनके वकील सफ़ाई ने भी कहा कि अदालत ने उबूरी ज़मानत मंज़ूर करने के बावजूद तेज पाल उनकी वालिदा की आख़िरी रसूमात में शिरकत ना करसके। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को तेज पाल की 3 हफ़्तों की उबूरी ज़मानत मंज़ूर की थी ताकि वो अपनी वालिदा की चिता नज़र-ए-आतिश करने में शिरकत करसकें।

तेज पाल की वालिदा का इंतेक़ाल 18 मई को हुआ था। उनकी आख़िरी रसूमात अदा की गई थीं। 50 साला पेज पाल पर मुबय्यना तौर पर इस्मत रेज़ि, जिन्सी हिरासानी और अपनी एक जूनियर साथी की इज़्ज़त पर हमला करने का फ़र्द-ए-जुर्म आइद किया गया है। ये वाक़िया गोवा की एक होटल में गुज़िशता साल नवंबर में पेश आया था।

तेज पाल को 30 नवंबर 2013 को गिरफ़्तार करलिया गया था वो फ़िलहाल उबूरी ज़मानत पर रिहा किए गए हैं। उन पर मुतास्सिरा ख़ातून ने जिन्सी हमला करने का 7 नवंबर को इल्ज़ाम आइद किया था और कहा था कि उन्होंने अगले दिन अपने जुर्म का इआदा किया था। तेज पाल को उबूरी ज़मानत पर रिहा करने से पहले उन्हें गोवा के शहर वास्को में सदा सब जेल में क़ैद रखा गया था।