उमर के निशाने पर नरेंद्र मोदी

बीजेपी के पीएम ओहदे के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी अब वज़ीर ए आला उमर अब्दुल्ला के भी निशाने पर हैं। उमर ने कहा है कि एक दिसंबर को जम्मू में मोदी की रैली के दौरान बीजेपी पुराना राग ही गायेगी।

उमर ने इल्ज़ाम लगाया कि बीजेपी जम्मू में और पीडीपी कश्मीर में एतेमाद का माहौल खत्म करने की कोशिश कर रहीं हैं। उन्होंने आवाम से मौकापरस्त ताकतों से होशियार रहने की अपील की।

उन्होंने कहा कि सियासी मुफाद के लिए फिर्कावाराना माहौल बिगाड़ने की कोशिशों को नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर नाकामयाब करेगी।

पीर के रोज़ बीजेपी के गढ़ नगरोटा विधानसभा इलाके में तवी नदी पर संगड़ पुल की संग ए बुनियादी के बाद चलाना गांव में आवाम से मुखातिब होते हुए उमर ने पीडीपी को भी जमकर कोसा।

उन्होंने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जम्मू, कश्मीर और दिल्ली में अलग-अलग धुनों पर नाचती है। मोदी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि बीजेपी रैली में अपना पुराना पिटारा खोलेगी। आर्टिकल 370 को हटाने, जम्मू और कश्मीर के बीच इख्तेलाफ (भेदभाव) के इलावा अन्य जज़्बाती मुद्दे उठाएगी।

बीजेपी ने हमेशा वोट बैंक के लिए हिंदुओं और मुस्लिमों में खाई पैदा करने की कोशिश की है। किश्तवाड़ दंगे की आग जम्मू डिविजन में फैलाने को बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यह खेल तब चलता है जब बीजेपी इक्तेदार से बाहर होती है। इक्तेदार में रहते हुए बीजेपी आर्टिकल 370 भूल जाती है।

उमर ने कहा कि उनकी उम्र अभी 42 साल है, लेकिन, पीडीपी 60 साल पुराने मुद्दों के लिए उनको जिम्मेदार ठहराती है। तवी नदी में पानी की सतह बढ़ने, किसी इलाके में सूखे पड़ने की हालात , कोई जब मेडिकल सीटें बेचता है या कोई सियासी मसले पैदा होती है तो भी पीडीपी का सीधा हमला उमर अब्दुल्ला पर होता है। क्योंकि पीडीपी के रास्ते में उमर अब्दुल्ला एक बड़ा रोड़ा है जो आवाम को गुमराह नहीं होने देता।

उमर ने कहा कि नेकां और कांग्रेस ने 2008 के विधानसभा इंतेखाबात में फिर्कावाराना तनाव का नुकसान उठाया, लेकिन, दोनों पार्टियों ने सियासी मुफाद के मुकाबले अमन और भाईचारे को तरजीह दी।