उर्दू असातीजा की तकर्रुरी रोकना महंगा पड़ेगा

अंजुमन इसलाह के जेनरल सेक्रेटरी मोहम्मद जलालूद्दीन ने प्रेस बयान में कहा के उर्दू टीईटी पास उम्मीदवारों की तकर्रुरी को मुखतलिफ़ मामलों में उलझा कर तालीम याफ़्ता नौजवानों को बेवक़ूफ़ बनाने की साजिश की जा रही है और बहाली को अल्तवा में डाला जा रहा है जबकि ऐसा करना रियासती हुकूमत को महंगा पड़ेगा। उन्होने वजीरे आला नितीश कुमार और रियासती हुकूमत पर उर्दूदां तबके के साथ न इंसाफ़ी का इल्ज़ाम लगाया। उन्होने कहा की हुकूमत के इशारे पर ही इस मामले को अदालत में घसीटा जा रहा है। उन्होने इस खदशा का भी इजहार किया के सरकार शायद मिसाली ज़ाब्ता एखलाक नाफ़िज़ होने का इंतज़ार कर रही है ताकि बहाली का मामला अल्तवा में पड़ा रहे और हुकूमत इल्ज़ामात से साफ बच भी जाये। उन्होने सबै मिली और मजहबी अदारों के रहनुमाओं से अपील की है की वो इस सिलसिले में आवाज बुलंद करें