उर्दू ख़त्ताती फ़न को नई नसल में मुंतक़िल किया जाये:ज़ाहिद अली ख़ां

उर्दू ज़बान को बोलने से उस की शीरीनी का अंदाज़ा होता है और उस को ख़ूबसूरती के साथ लिखने से ख़ोशनवीसी और ख़त्ताती का फ़न बनता है और उर्दू ख़त्ताती की बक़ा और इस्तेहकाम नई नसल के बच्चों को तैयार करने में है।

इन ख़्यालात का इज़हार ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर रोज़नामा सियासत ने यहां महबूब हुसैन जिगर हाल में उर्दू ख़त्ताती के गरमाई कोचिंग क्लासेस का इफ़्तेताह करते हुए किया।

इदारा सियासत के ज़ेरे एहतेमाम हर साल गरमाई तातीलात में अहाता सियासत के महबूब हुसैन जिगर हाल में उर्दू ख़त्ताती की फ़्री कोचिंग का इनइक़ाद अमल में आता है और इस के लिए नामवर ख़त्तात नईम साबरी के ख़िदमात हासिल की जाती हैं।

नईम उलख़तात के उर्दू ख़त्ताती के तिला मेज़ में कमसिन 6 साल के उम्र से 75 साल के मुअम्मर हज़रात शामिल हैं। जो उर्दू / अरबी रस्म उलख़त को सीखते हैं। उनके साथ उनके होनहार फ़र्ज़ंद मुहम्मद फ़हीम और मुहम्मद माजिद और मुहम्मद सिराज की मिआविनीत है। उर्दू ख़त्ताती की क्लासेस चलाई जाती हैं। ज़ाहिद अली ख़ां एडीटर रोज़नामा सियासत ने उर्दू ख़त्ताती का मुशाहिदा करते हुए अपने तास्सुर में बतलाया कि नईम साबरी साहिब अपने शागिर्दों को तैयार करते हुए इस फ़न को नई नसल में मुंतक़िल करने का काम अंजाम दे रहे हैं। इस साल उर्दू ख़त्ताती की क्लासेस 01 मई ता 10 जून तक सुबह के औक़ात में जारी रहेगी। साल हाल उर्दू ख़त्ताती की क्लासेस में 6 साल की उम्र के नन्हे बच्चे से 65 साल की उम्र तक के मुअम्मर हज़रात शिरकत कररहे हैं। मुहम्मद निज़ाम उद्दीन फ़ारूक़ी उम्र 64 साल और शेख़ अबदुलकरीम उम्र 60 साल ने इस फ़न को सीखने की वजह बताई कि इस से अपनी मादरी ज़बान उर्दू के साथ अरबी ज़बान को पढ़ने और सुनने के साथ अब लिखने का मौक़ा मिल रहा है। मुहम्मद फुर्क़ान ( चेन्नाई ) ट्मिलनाडू से यहां हैदराबाद गरमाई तातीलात के लिए आए और इस का सही मुसर्रिफ़ उर्दू सीखना बताया जो प्राइमरी स्कूल के तालिब-ए-इल्म हैं इन क्लास में लड़के / लड़कीयों , ख़वातीन और हज़रात हर उम्र के अफ़राद के शिरकत कररहे हैं