उर्दू ज़बान-ओ-अदब के तहफ़्फ़ुज़ के लिए आगे आने का मश्वरह

कर्नाटक उर्दू एकाडमी तीन साला तात्तुल के बाद अपनी सरगर्मीयों का आग़ाज़ बीदर के इस इलाक़ाई मुशायरा के साथ कररही है।

डॉ फौज़िया चौधरी चीर परसन कर्नाटक उर्दू एकडमी ने बीदर में अपनी सदारती तक़रीर में इस बात का एलान किया।उन्होंने शाहीन गर्लज़ कैंपस बीदर में कर्नाटक उर्दू एकाडमी के ज़ेरे एहतेमाम मुनाक़िदा इस मुशायरे को अवाम और एकाडमी के लिए नेक फ़ाल क़रार देते हुए बीदर के हवाले से बतायाकि ये शहर महमूदगा वान , उर्दू ज़बान की पहली मसनवी कदम राव‌ के शायर फ़ख़्रउद्दीन निज़ामी का शहर है । मौजूदा दौर में ज़िला बीदर में उर्दू स्कूलों का एक काबिल ज़िक्र जाल बिछा हुआ है।

इन तलबा ही के ज़रीये हम उर्दू ज़बान वाअदब का तहफ़्फ़ुज़ करसकते हैं। पी सी जाफ़र डिप्टी कमिशनर बेद रने मुशायरा का इफ़्तेताह शम्मा रोशन करते हुए किया और अपने ख़िताब में हाज़िरीन से पुर ख़ुलूस अपील की के वो उर्दू ज़बान को बचाने के लिए आगे आएं।

मादरी ज़बान उर्दू के होते हुए दूसरी ज़बान को तर्जीह देने से मादरी ज़बान मुतास्सिर होगी। बीदर में उर्दू ज़बान के तहफ़्फ़ुज़ के लिए होने वाली कोशिशें क़ाबिल-ए-क़दर हैं उन्हें मैनाज का ये मुशायरा भी शामिल है जो हुकूमत कर्नाटक की वज़ारत अक़लियती बहबूद की तरफ से है।