उस्मानिया जेनरल हॉस्पिटल का शुमार ना सिर्फ़ हिंदुस्तान बल्कि एशिया के क़दीम तरीन हॉस्पिटलों में होता है। उस की ख़ूबसूरत तर्ज़े तामीर वसीओ अरीज़ वार्ड्स का मुशाहिदा करने वाला कोई भी बैरूनी सैयाह ये कहने पर मजबूर हो जाता है कि इस तरह के वसीओ अरीज़ हॉस्पिटलों का तसव्वुर तो बर्तानिया में पाया जाता है जहां के अक्सर क़दीम और मशहूर और मारूफ़ हॉस्पिटल और यूनीवर्सिटीज़ इंतिहाई क़दीम तरीन इमारतों में काम करते हैं लेकिन वहां की हुकूमत और सियासतदानों में अपने मुल्क के तारीख़ी आसार के तहफ़्फ़ुज़ के लिए ग़ैर मामूली दिलचस्पी पाई जाती है।
जिस के नतीजे में आज भी वो हॉस्पिटल बड़ी शानो शौकत से खड़े हैं। एक बात सब से अहम है कि जो क़ौम अपने तारीख़ी आसार का तहफ़्फ़ुज़ करती है। उस की तहज़ीब और तमद्दुन को दुनिया में अहमियत दी जाती है लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि हमारे चीफ मिनिस्टर मिस्टर के चन्द्र शेखर राव ने उस्मानिया जेनरल हॉस्पिटल को मुनहदिम करते हुए इस मुक़ाम पर एक असरी और तमाम सहूलतों से लैस हॉस्पिटल क़ायम करने का ऐलान किया है।
उन के ऐलान पर अवामी और सियासी हल्क़ों में शदीद तन्क़ीद की जा रही है। नुमाइंदा ख़ुसूसी ने शहर की मुमताज़ म्यूज़ीयम आर्कीटेक्ट अनुराधा नायक से बात की जो समाजी जहद कारों, तारीख़ी इमारतों के तहफ़्फ़ुज़ में मसरूफ़ माहिरीन तालीम और माहिरे आसार क़दीमा और डॉक्टरों के साथ उस्मानिया जेनरल हॉस्पिटल को मुनहदिम करने से मुताल्लिक़ के सी आर के फैसला की शिद्दत से मुख़ालिफ़त कर रही हैं।
अनुराधा नायक के मुताबिक़ हुकूमत की सब से बड़ी ग़लती ये है कि वो इस तारीख़ी हॉस्पिटल की मोअस्सर अंदाज़ में देख भाल की बजाय इस के वजूद को मिटाने का ही सोच रही है। हालाँकि रूद मूसा के दोनों जानिब मौजूद उस्मानिया जेनरल हॉस्पिटल और हाईकोर्ट की ख़ूबसूरत इमारतें हैदराबाद के हुस्न में चार चांद लगाने का बाइस बनी हुई हैं।
अनुराधा नायक ने जो उस्मानिया जेनरल हॉस्पिटल में कार्डयालोजी यूनिट क़ायम करने वाले माहिर अमराज़े क़ल्ब डॉक्टर सुधीर नायक की दुख़तर हैं और वो हमारे शहर की कई एक तारीख़ी इमारतों की तज़ईने नव के प्रोजेक्ट्स में अहम रोल अदा कर चुकी हैं। बहरहाल वही अक़्वाम दुनिया में सुर्ख़रु होती हैं जो अपने तारीख़ी आसार को तल्फ़ नहीं करतीं बल्कि इस के तहफ़्फ़ुज़ के लिए कमरबस्ता हो जाती हैं।