हैदराबाद 01 मई: उस्मानिया यूनीवर्सिटी के तलबा ने एक और मसला उठा लिया है लेकिन इस मसले का ताल्लुक़ तेलंगाना एजीटेशन से नहीं है बल्के यूनीवर्सिटी कैंपस से तमाम मज़हबी ढाँचों को हटाने से मुताल्लिक़ है।
पिछ्ले हफ़्ते तलबा के चंद ग्रुपों की तरफ से कैंपस में मौजूद एक मंदिर की मूर्ती को नुक़्सान पहुंचाए जाने के नातिजे में ये मुतालिबा शिद्दत इख़तियार कर गया है।
कई तलबा-ए-तंज़ीमों ने यूनीवर्सिटी हुक्काम से दरख़ास्त की है कि कैंपस में गै़रक़ानूनी तौर पर तामीर शूदा तमाम मज़हबी ढाँचों को ख़ुशगवार अंदाज़ में हटा लिया जाये।
क़ानून हक़ मालूमात (आर टी आई) से एक सवाल के जवाब में इन्किशाफ़ हुआ है कि उस्मानिया यूनीवर्सिटी कैंपस में कम से कम 15 मंदिर,10 मसाजिद और दुर्गा हैं गै़रक़ानूनी तौर पर क़ायम की गई हैं।
आर टी आई जवाब में ये हैरत अंगेज़ इन्किशाफ़ हुआ है कि आसिफ़ जाहि दौर-ए-हकूमत में यूनीवर्सिटी कैंपस में सिर्फ़ एक इबादतगाह मस्जिद जैन उद्दिन मौजूद थी जिस के लिए नवाब मीर उसमान अली ख़ां की हुकूमत ने 22 गनटे ज़ामिन मुख़तस की थी बक़ी दीगर तमाम मज़हबी ढाँचे बुनियादी तौर पर यूनीवर्सिटी की जायदाद पर गै़रक़ानूनी क़बज़ा है।
जवाब में कहा गया कि इबादत गाहैं किसी भी फ़रीक़ को मुफ़्त या पट्टे पर नहीं दी जा सकतीं। चंद तलबा-ए-तंज़ीमों ने जिन में ऑल इंडिया स्टूडैंटस फ़ैडरेशन और तेलंगाना विद्यार्थी विभाग, स्टूडैंटस फ़ैडरेशन आफ़ इंडिया, बहुजन स्टूडैंटस फ्रंट, तेलंगाना स्टूडैंटस एसोसीएशन दलित स्टूडैंटस यूनीयन और टराईबल स्टूडैंटस यूनीयन ने उस्मानिया यूनीवर्सिटी हुक्काम को पेश करदा एक दरख़ास्त में कैंपस के अहाते से एसे तमाम मज़हबी ढाँचों को ख़ुशगवार अंदाज़ में हटा देने का मुतालिबा किया है जो गै़रक़ानूनी तौर पर तामीर किए गए हैं।
यही मुतालिबा सितंबर 2012 में भी किया गया था लेकिन यूनीवर्सिटी हुक्काम ने ताहाल इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
एक स्टूडैंटस लीडर ने कहा कि उस्मानिया यूनीवर्सिटी एक सेक्युलर और जमहूरी इदारा है जिस की जगह और मक़सद तालीम हसिल करना है और उस जगह को किसी इबादतगाह के तौर पर इस्तिमाल नहीं किया जा सकता।