एएमयू वीसी के बयान को स्मृति ईरानी ने बताया “बेटियों की तौहीन “, मांगी रिपोर्ट

अलीगढ़:

मरकज़ी हुकूमत ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ले. जनरल (सेवानिवृत) जमीरूद्दीन शाह की तरफ से लाइब्रेरी में लड़कियों के दाखिले पर दिये गये तब्सिरे पर रिपोर्ट तलब की है। शाह ने कहा था कि अगर लाइब्रेरी में लड़कियों के दाखिले की इजाजत दे दी जाती है तो वहां पर लड़कों की तादाद चार गुणा हो जाएगी। एचआरडी मिनिस्ट्री के सेक्रेट्री ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को खत लिखकर इस बारे में मालूमात मांगी है। साथ ही एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने इस बयान को “बेटियों कि तौहीन” बताया है।

स्मृति ईरानी ने मंगल के रोज़ कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के कुलपति की तरफ से लड़कियों को उसके लाइब्रेरी में जाने से रोकने की खबरें मजरूह करने और गुस्सा दिलाने वाली हैं। स्मृति ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद के 125वें सालगिरह पर लड़कियों को तौहीन करने की कुछ खबरें आ रहीं हैं, जो कि एक खातून होने के नाते मजरूह करने और गुस्सा दिलाने वाली हैं।

उन्होंने कहा कि यह बड़ा ही बदनसीबी है कि इस तरह के बयान उस दिन आ रहे हैं जब पूरा मुल्क National Education Day मना रहा है।

हालांकि, शाह ने मंगल के रोज़ सफाई देते हुए कहा कि वे ख्वातीन की बाइख्तेयारी (Empowerment) के खिलाफ नहीं थे। उन्होंने कहा कि हम Sexist नहीं है, हम Women Empowerment चाहते हैं। यकीनी तौर से हम लोग हमारी लड़कियों को अलग नहीं करना चाहते। अपने फैसले की ताईद करते हुए उन्होंने कहा था कि यहां मसला डिसीप्लीन का नहीं, बल्कि जगह की है। लाइब्रेरी पहले से ही भरी रहती है, अगर लड़कियों को भी इजाजत दे दी जाती है तो मसले खड़े हो सकते हैं। वुमेंस कॉलेज में लाइब्रेरी का इंतेज़ाम है।

साथ ही उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट बिल्कुल गलत हैं। मैंने कहा था कि लाइब्रेरी में एक भी सीट दस्तयाब नहीं है। साथ ही कहा कि लाइब्रेरी में जितनी भी किताबे हैं वे सभी ऑनलाइन हैं। साथ ही शाह ने अपने फरमान का बचाव करते हुए सेक्युरिटी निज़ाम का भी सहारा लिया। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी वुमेंस कॉलेज से दूर है, ऐसे में चैन लूटेरों का दहशत रहता है।

गौरतलब है कि एएमयू कैम्पस मे स्थित मौलाना आजाद लाइब्रेरी में लड़कियों को रुक्नियत नहीं दी जाती है। इस लाइब्रेरी में वुमेंस कॉलेज की लाइब्रेरी से ज्यादा अच्छी किताबें मौजूद हैं। साबिक के छात्र संघों ने भी वुमेंस कॉलेज की लड़कियों को मौलाना आजाद लाइब्रेरी की रुकनियत देने की मांग कर चुके हैं। यह लाइब्रेरी वुमेंस कॉलेज से तीन किलोमीटर दूर वाके है।

वुमेंस कॉलेज की तंसीब 1906 में की गई थी, जबकि एक दहा बाद मौलाना लाइब्रेरी की तंसीब की गई थी। लाइब्रेरी में 1300 स्टूडेंट्स के बैठने का इंतेज़ाम है और जब से लाइब्रेरी की तश्कील हुई है, तब से गर्ल्स स्टूडेंट्स को इसकी रुकनयत नहीं दी गई है।