एनआइए ने रांची से पकड़े दो और दहशतगर्द

एनआइए की टीम ने रांची से दो मुश्तबा दहशतगर्द आसिफ और जिशान को पकड़ा है। इनसे हैदराबाद के दिलसुख नगर सीरियल धमाके मामले में पूछताछ कर रही है। आसिफ रांची का ही रहनेवाला है। वह हैदराबाद में पॉलिटेक्निक का तालिबे इल्म था। धमाके के बाद से फरार चल रहा था।

फरवरी, 2013 में हुए धमाका में 18 लोगों की जान गयी थी और 60 से ज़्यादा लोग संगीन तौर से जख्मी हुए थे। जिशान भी ब्लास्ट के बाद से ही फरार था। वह गुजिशता एक मई को चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में धमाका कराने का भी इल्ज़ाम है। दोनों मुश्तबा दहशतगर्दों से पूछताछ के लिए हैदराबाद और चेन्नई से एनआइए की टीम रांची पहुंच चुकी है।

तहसीन के नजदीक साथी

एनआइए ज़राये के मुताबिक, आसिफ इंडियन मुजाहिदीन के मोस्ट वांटेड दहशतगर्द माने जानेवाले तहसीन अख्तर उर्फ मोनू का बजदीकी साथी है। उसी ने तहसीन का फरजी वोटर आईडी कार्ड झारखंड से बनवाया था। बताया जाता है कि जिशान के घर के फरजी पते पर आसिफ ने तहसीन का आइडी कार्ड इशू कराया था। हैदराबाद से जारी उसके मोबाइल फोन नंबर पर तहसीन से उसकी अक्सर बातचीत होती थी।

दिल्ली, कोलकाता में छिपते फिर रहे थे

जिशान भी चेन्नई में पॉलिटेक्निक का तालिबे इल्म है। उसने भी हैदराबाद के दिलसुख नगर सीरियल धमाके के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। चेन्नई से भागने के बाद जिशान दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, कोलकाता और झारखंड के मुखतलिफ़ मुकामात पर छिपता फिर रहा था। ये दोनों न सिर्फ तहसीन उर्फ मोनू बल्कि आइएम के अहम रहे यासिन भटकल और पाकिस्तानी दहशतगर्द वकास के भी नजदीकी साथी रहे हैं। तहसीन और भटकल के साथ आसिफ और जिशान रांची में भी एक लॉज में काफी दिनों तक साथ रहे हैं। भटकल, तहसीन और वकास अभी जेल में बंद हैं। एनआइए की टीम ने यासिन को नेपाल, तहसीन को नेपाल की सरहद और वकास को राजस्थान से गिरफ्तार किया था।

नोमान 30 तक रिमांड पर

पटना और बोधगया बम ब्लास्ट के मुल्ज़िम नोमान अंसारी को एनआइए ने 30 जून तक रिमांड पर लिया है। पीर को एनआइए के खुसुसि जज अनिल कुमार सिंह ने नोमान को एक हफ्ते की रिमांड पर लेने की मंजूरी दे दी। नोमान को झारखंड से गिरफ्तार किया गया था। एनआइए अब तक बम ब्लास्ट के आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ कर रही थी। अब तमाम मुल्जिमान से एक साथ पूछताछ करेगी।