एमएलए का वकार नहीं बचा पाया तो दे दूंगा इस्तीफा : स्पीकर

रांची : झारखंड एसेम्बली सदर डॉ दिनेश उरांव ने अपने ओहदे से इस्तीफा देने की बात कही है। वह एमएलए को एमएलए फंड की रकम हुकूमत की तरफ से दस्तयाब नहीं कराये जाने से गुस्से में हैं। जुमा को रांची में मुनक्कीद कोन्फ्रेंस में सदारत की तक़रीर देते हुए डॉ उरांव ने कहा कि जहां एमएलए की एहतेराम ही नहीं है, वहां पर आला ओहदे पर बने रहना ठीक नहीं है। रियासत में एमएलए और इंतेजामिया के दरमियान टकराव की सुरते हाल बनी हुई है और इस सुरते हाल में एमएलए का वकार नहीं बचा पाया, तो इस्तीफा दे दूंगा।

डॉ उरांव ने इस बाबत 14 दिसंबर को आला इजलास बुलायी है। इसमें हुकूमत के तमाम अफसरों की मौजूद रहने की हिदायत दिया है। उन्होंने कहा कि इस इजलास में मामलों का हल होना चाहिए़। 14 की बैठक में आखरी फैसला होना चाहिए़। अपने तक़रीर में उन्होंने एसेम्बली को ताकतवर बनाने की जरूरत बतायी।

स्पीकर डॉ उरांव ने कहा कि एक साल से झारखंड एसेम्बली के मेंबरों को एमएलए फंड की रकम नहीं मिल रही है। एमएलए अपने हल्के में मुंह दिखाने लायक नहीं रहे हैं। इंतेजामिया महकमा देही तरक़्क़ी महकमा की तरफ से पहले दी गयी रकम के एवज में एसी-डीसी बिल जमा नहीं करने से ऐसी हालत पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि महकमा की तरफ से दस्तूरुल अमल का ईज़ी भी नहीं किया गया है। उन्होंने हुकूमत से दरख्वास्त किया है कि 14 दिसंबर तक इस सिलसिले में हालत वाजेह की जाये। उन्होंने कहा कि जब झारखंड में एसेम्बली मेम्बर अपने हल्के के तरक्की से मुतल्लिक़ रकम खर्च करने में महरूम हैं, वहां महकमा के अफसर कैसे आवाम के लिए बनी अहम मंसूबों को अमल में ला रहे हैं। इससे पहले सेशन में भी मिस्टर उरांव ने कोन्फ्रेंस में अपनी बातें रखी़ं उन्होंने कहा कि एसेम्बली और हुकूमत को मिल कर चलना है़। एमएलए को एसेम्बली के कामों के फी अलर्ट करते है़ं। एमएलए और इंतेजामिया में कम्युनिकेशन होना चाहिए़। एसेम्बली की बैठकों की तादाद पर बात होती है, लेकिन एवान कम दिनों का भी हो, तो इसका इस्तेमाल होना चाहिए़।