एमसेट इंजीनीयरिंग की वैब कौंसलिंग के फ़न्नी मराहिल

एमसेट की इंजीनीयरिंग वैब कौंसलिंग के चार मरहले हैं। सब से पहले हेल्पलाइन मराकज़ पर असना दात (सर्टिफिकेट्स) की तसदीक़ करवाना होगा। फिर वेबसाइट पर दी गई तारीख़ को कॉलिजेस, कोर्सेस का इंतिख़ाब करते हुए इस के बाद रैंक के लिहाज़ से कॉलिज में सीट का अलाटमैंट होगा और अलाटमैंट कापी के साथ मुताल्लिक़ा कॉलिज से रुजू होना होगा। इन ख़्यालात का इज़हार माहिरीन ने यहां इदारा सियासत के ज़ेर-ए-एहतिमाम मुनाक़िदा (आयोजित) एमसेट कौंसलिंग गाईडेंस प्रोग्राम से महबूब हुसैन जिगर हाल में किया।

मेहमान ख़ुसूसी प्रोफ़ैसर मिर्ज़ा ज़हीर बैग किंगफ़हद यूनीवर्सिटी आफ़ पैट्रोलीयम दहरान सऊदी अरबिया ने कहाकि हुसूल-ए-ताअलीम का मक़सद कामयाब शहरी बनना और आला मुक़ाम बनाने का होना चाहीए ना कि सिर्फ डिग्री हासिल करते ही इंजीनीयरिंग और मैडीसन के। एम ए हमीद कैरियर कौंसिलर सियासत ने कौंसलिंग की तफ़सीली, रैंकस, शैडूल को तफ़सीली तौर पर वाज़िह अंदाज़ में बतलाया और हर तालिब-ए-इल्म के शख़्सी सवालात के तश्फ़ी बख़श अंदाज़ में जवाबात दिए।

डाक्टर अबदुर्रहमान ने एग्रीकल्चर इंजीनीयरिंग, डायरी इंजीनीयरिंग में दाख़िला के लिए इंटरमीडीयेट एम पी सी उम्मीदवारों को मश्वरा दिया। इस मौक़ा पर मुहम्मद इस्माएल साजिद जनरल सैक्रेटरी हैदराबाद एसोसिएशन दमाम, जनाब एम ए मुइज़ ने शिरकत करते हुए तलबा की रहनुमाई की। प्रोग्राम का आग़ाज़ क़रअत कलाम पाक से हुआ। इस कौंसलिंग सेशन में हर तालिब-ए-इल्म को उन के रैंक के लिहाज़ से किस तारीख़ को किस मुक़ाम पर जाना होगा बतलाया गया। आख़िर में एम ए हमीद ने शुक्रिया अदा किया। शहर और अज़ला से कसीर तादाद में तलबा-ए-ओ- तालिबात सरपरस्तों ने शिरकत की।