डायरेक्टर अक़्लीयती बहबूद के ओहदा से जलाल उद्दीन अकबर के तबादले के बाद कई ऐसे इन्किशाफ़ात मंज़रे आम पर आ रहे हैं जिस में चीफ मिनिस्टर के दफ़्तर को भी झिंझोड़ कर रख दिया है।
एम जे अकबर के तबादले के हक़ में हैदराबाद एम पी असद उवैसी के मकतूब को सियासत में सबसे पहले मंज़रे आम पर लाया जिसके बाद सरकारी हल्क़ों में तबादले की वजूहात को लेकर काफ़ी मुबाहिस देखे जा रहे हैं।
बावसूक़ ज़राए ने बताया कि चीफ मिनिस्टर के ऑफ़िस में रोज़नामा सियासत में शाय होने वाली ख़बरों और मुख़्तलिफ़ गोशों से मिलने वाली नुमाइंदगियों की बुनियाद पर महकमा अक़्लीयती बहबूद के तमाम मुआमलात पर गहिरी नज़र रखने का फैसला किया है ताकि बद उनवानीयों और क़वाइद की ख़िलाफ़ वर्ज़ीयों को रोका जा सके।
एम जे अकबर के तबादले के ख़िलाफ़ सियासी और समाजी हल्क़ों में जारी मुख़ालिफ़त का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया पर हैदराबाद एम पी के मकतूब के इफ्शा को सियासत वेब साईट पर 24 घंटे में 2 लाख से ज़ाइद अफ़राद ने ना सिर्फ मुशाहिदा किया बल्कि कई दर्दमंद दिल रखने वालों ने तबादले की मुज़म्मत की है।
जिस अंदाज़ में एम जे अकबर के ख़िलाफ़ बे बुनियाद इल्ज़ामात आइद करते हुए हुकूमत को तबादले के लिए मजबूर किया गया, इस पर महकमा अक़्लीयती बहबूद के ओहदेदारों का कहना है कि अभी भी कई ओहदेदार एक से ज़ाइद गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं जबकि एम जे अकबर ने कभी भी अपनी मुक़र्ररा गाड़ी से हट कर कोई गाड़ी इस्तेमाल नहीं की। दीगर ओहदेदारों के घर वालों और बच्चों के लिए अलाहिदा अलाहिदा गाड़ियां इस्तेमाल की जा रही हैं।