हैदराबाद 10 सितंबर: मुल्क भर में शहरीयों के पास मौजूद शौक़िया रीवोलवरस जोकि एयरगन कहलाती है, उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत लाने की मंसूबा बंदी की जा रही है।
55 साला क़दीम आर्म्स एक्ट में तरमीम के सिलसिले में वज़ारत बहबूद ख़वातीन-ओ-अतफ़ाल की तरफ से ये तजवीज़ रवाना की गई हैके एयरगन को आर्म्स एक्ट के तहत लाते हुए उसके लिए लाईसेंस की इजराई को लाज़िमी क़रार दिया जाये। मर्कज़ी वज़ीर मुनीका गांधी की तरफ् से पेश करदा इस तजवीज़ की मुख़्तलिफ़ गोशों से हिमायत भी की जा रही है।
उमूमन एयरगन की ख़रीदी के लिए कोई लाईसेंस की ज़रूरत नहीं होती और शायक़ीन बंदूक़ इस तरह के हथियार मुख़्तलिफ़ ममालिक से शौक़िया तौर पर ख़रीदते हैं।
वज़ारत बहबूद ख़वातीन-ओ-अतफ़ाल की तरफ से पेश की गई तजवीज़ की हिमायत में जो लोग आवाज़ उठा रहे हैं उनका ख्याल हैके बेशतर कंपनीयों की तरफ से एसी एयरगन तैयार की जा रही है जो हू-ब-हू असली बंदूक़ की तरह नज़र आती है और कई ममालिक में एसी एयरगनस भी मौजूद हैं जिन पर असली बंदूक़ की तरह लोगो और सिंबल पाए जाते हैं।