एर्दोगन के ऐतिहासिक जीत के बारे में जानें, कैसे होती है तुर्की में राष्ट्रपति का चुनाव?

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान ने राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में ही जीत हासिल कर ली है. देश में चुनाव करवाने वाली संस्था के प्रमुख ने यह जानकारी दी है। तुर्की के सरकारी मीडिया के मुताबिक, ज़्यादातर वोटों की गिनती हो चुकी है और एर्दोगान को 53% जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी मुहर्रम इंचे को 31% वोट मिले हैं।

एर्दोगान ने खुद इस ऐतिहासिक जीत के बारें में तुर्की की जनता को बताया। तुर्की में राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव एकसाथ हुए हैं इसलिए इस बार के चुनाव को काफी ऐतिहासिक और अहम माना गया और अंतिम नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे।

डेली सबह के मुताबिक, सर्वोच्च चुनाव परिषद के चेयरमैन सादी गुवेन ने सोमवार सुबह घोषणा की कि एर्दोगान ने पूर्ण बहुमत वाले वोट हासिल किए हैं और शेष बकाया वोट परिणाम को प्रभावित नहीं करेंगे। एर्दोगान ने यह भी कहा था कि उनकी एके पार्टी के शासकीय गठबंधन ने संसद में बहुमत सुरक्षित कर लिया है।

अभी तक मुख्य विपक्षी पार्टी ने आधिकारिक रूप से हार स्वीकार नहीं की है। इससे पहले विपक्ष ने कहा था कि अभी बहुत सारे वोटों की गिनती बाक़ी है और नतीजे कुछ भी रहें, वे लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। लेकिन एर्दोगान की जीत तय हो चुकी है, आखिरी वोटों की गिनती एर्दोगान की जीत को प्रभावित नहीं करेगी।

जानकारी के मुताबिक, तुर्की के लोग राष्ट्रपति चुनने के अलावा देश के सांसद चुनने के लिए भी मतदान किया है। इन चुनावों में क़रीब छह करोड़ तुर्क नागरिक वोट डालने के हक़दार रहे।

आपको बता दें कि, राष्ट्रपति पद के लिए छह उम्मीदवार मैदान में थे. किसी भी एक उम्मीदवार को आधे से ज़्यादा वोट मिलने पर वह सीधा राष्ट्रपति बन जाता। यदि किसी को पचास फ़ीसदी मत नहीं मिलते तो सबसे ज़्यादा मत पाने वाले दो उम्मीदवारों के बीच फिर से सीधा मुक़ाबला होता।