झामुमो और कांग्रेस में सीट बंटवारे पर मचे घमासान के दरमियान झामुमो सरबराह शिबू सोरेन ने कहा कि एसेम्बली इंतिखाब में उनकी पार्टी को एकला चलो की पोलिसि अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी के साथ इत्तिहाद से बेहतर है कि इस बार अकेले ही अपने दमखम को परखा जाए। शिबू सोरेन सनिचर को बोकारो में सहाफियो से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘मेरी दिली ख्वाहिश है कि झामुमो इस बार एसेम्बली इंतिखाब में अकेले ही मैदान में उतरे। इत्तिहाद में झामुमो को 50 सीटें मिलने पर ही जिच कायम है। उससे तो अच्छा होगा कि झामुमो रियासत की तमाम 81 सीटों पर उम्मीदवार उतारे।’ उन्होंने कहा कि यह उनका ज़ाति ख्याल है कि अकेले इंतिखाब लड़ने से पार्टी को ज्यादा फायदा होगा।
शिबू सोरेन ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के साथ इत्तिहाद हुकुमत चलाने का एक्स्प्रियंस बहुत अच्छा नहीं रहा है। झामुमो की स्ट्रीम इन दोनों पार्टियों से अलग है। हम जमीनी हकीकत को समझते हुए उसके मुताबिक़ मंसुबा बनाते हैं। उसे ज़मीन पर उतारना चाहते हैं, पर इन दोनों पार्टियों की उल्टा सोच की वजह से कई मंसुबों में अड़ंगा लग जाता है या फिर देर हो जाती है।
झामुमो में इस वक़्त तीन सोच चल रही है। कांग्रेस-राजद और अज़ाद के साथ हुकुमत चला रहे वज़िरे आला हेमंत सोरेन इत्तिहाद को वक़्त की मांग बताते हैं। वहीं दिगर अहम लिडर कहते हैं कि झामुमो 50 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा। इससे अलग पार्टी सरबराह शिबू सोरेन इत्तिहाद को बेवजह बताते हैं।