ऑस्ट्रेलिया के नए वीज़ा नियमों से भारतीय पेशेवरों के प्रभावित होने की सम्भावना नहीं है

“ऑस्ट्रेलिया के नए वीज़ा नियमों से भारतीयों पर कोई  प्रभाव नहीं पड़ेगा,” आस्ट्रेलिया की नयी उच्चायुक्त ‘हरिंदर सिद्धू’ ने कहा।

“इस वीज़ा के अंतर्गत ऑस्ट्रेलिया में आने वाले अधिकांश भारतीय श्रमिक आईटी क्षेत्र में हैं। यह ऑस्ट्रेलिया का एक क्षेत्र है, जहां कौशल की कमी है,” सिद्धु ने मंगलवार को इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स में कहा।

पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया ने कुशल श्रमिकों के लिए 457 अस्थायी वीज़ा योजना को खत्म कर दिया था और इसे दो नए वीज़ा की मुश्किल आवश्यकताओं के साथ बदल दिया था जिसके कारण भारत में चिंता का महुअल बन गया था क्यूंकि अधिकांश भारतीय इन्ही वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं।

इसके बाद, प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’ ने टेलीफोन पर अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष ‘मैल्कम टर्नबुल’ को भारत की चिंता से अवगत कराया ।

यह कहते हुए की यह नियम “घरेलू कारणों” से बदले गए हैं, सिद्धु ने कहा, “भारतीयों की नई वीज़ा के अंतर्गत आने की सम्भावनाये काफी अधिक है।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा,”मैं स्पष्ट नहीं कह सकती कि भविष्य में क्या होगा।”

उन्होंने कहा कि पेशेवर श्रेणी के अलावा ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने के लिए कई और रस्ते भी खुले हुए हैं।

‘द हिंदू’ द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ ‘रसद समर्थन समझौते’ का प्रस्ताव रखा है और जुलाई में मालाबार नौसैनिक अभ्यास में एक पर्यवेक्षक होने का भी अनुरोध किया है जिसमें भारत, जापान और अमेरिका शामिल हैं।

जापान और अमेरिका पहले ही कह चुके हैं की उन्हें ऑस्ट्रेलिया के शामिल होने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत अभी तक इस मामले में अनिच्छुक रहा है। आगामी अभ्यास के लिए योजना सम्मेलन चल रहा है और ‘कैनबरा’ के अनुरोध पर एक औपचारिक प्रतिक्रिया जल्द ही आने की उम्मीद की जा सकती है ।