ओबामा साथ मिशेल, मोदी साथ मैं नहीं : जसोदाबेन

अमेरिका के सदर बराक ओबामा अपनी शरीक ए हयात मिशेल ओबामा के साथ हिंदुस्तान में यौम ए जम्हूरिया के मौके पर बतौर चीफ गेस्ट इतवार के रोज़ पहुंचे हैं. उनके इस्तेकबाल के लिए पीएम नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़ एयरपोर्ट पहुंचे. ओबामा अपनी बीवी मिशेल का हाथ पकड़े खास तैय्यारे की सीढ़ी से उतर रहे थे. मोदी की बीवी जसोदाबेन टीवी पर इस नज़ारे को नहीं देखना चाहती थीं, क्योंकि यह उनको अंदर से झकझोर रहा था. वह लेकिन खुद को रोक पाने में नाकाम रहीं. उनके मन में यह बात चलती रही कि वह अपने शौहर मोदी के साथ क्यों नहीं हैं? उन्हें पीएम की बीवी होने का हक क्यों नहीं मिल रहा?

उनके भतीजे ने टीवी ऑन किया तो ओबामा के इस्तेकबाल का लाइव टेलीकास्ट चल रहा था. वह अपने शौहरको गौर से देखने लगती हैं. मिशेल और बराक ओबामा के साथ मोदी को देखकर उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘मुझे पता है कि जब ओबामा का इस्तेकबाल हो रहा था तब मुझे भी दिल्ली में होना चाहिए था लेकिन साहेब ऐसा नहीं चाहते. इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.’ उन्होंने कहा, ‘अगर वह मुझे आज बुलाएंगे तो मैं कल पहुंच जाऊंगी. मैं बिना बुलाए कभी नहीं जाऊंगी. उन्हें मुझे बुलाना होगा. मेरी भी इज़्ज़त है और जिससे मैं पीछे नहीं हटूंगी. हम दोनों के बीच हैसियत की कोई बात नहीं है, हम दोनों इंसान हैं.’

जसोदाबेन ने कहा, ‘ मेरे मन में कोई कड़वाहट नहीं है. मैं शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने पिछले साल मुझे अपनी बीवी माना. मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह मुझे हक दे जिसकी मैं हकदार हूं. मैं जानती हूं कि उन्होंने मुल्क के लिए अपनी शादी शुदा ज़िंदगी को कुर्बानकर दिया . अगर मैं उनके साथ होती तो वह शायद इतना कुछ नहीं कर पाते.’ जसोदाबेन की शादी नरेंद्र मोदी से 17 साल की उम्र में 1968 में हुई थी. जसोदाबेन रिटायर्ड स्कूल टीचर हैं और 14 हजार रुपए की पेंशन पर गुजारा करती हैं. उन्होंने बतायाकि, ‘शादी के बाद वे मेरे साथ कुछ महीनों तक रहे. वह सुबह आठ बजे चले जाते थे और देर शाम घर आते थे. एक बार वह गए तो फिर नहीं आए. मैं ससुराल में तीन साल तक रही जिसके बाद मुझे लगा कि अब वह मेरे पास नहीं आएंगे. फिर मैं पढ़ाई करके टीचर बन गई.’